तान्या ने बताया कि अच्छे मार्क्स कैसे लाना चाहिए

तान्या सिंह और युवाक्षी विज़ का नाम आज भारत के घर घर में है। हर माता पिता,  शिक्षक अपने बच्चों को तान्या और युवाक्षी जैसी बनाना चाहते हैं। लेकिन क्यों और कैसे, आइए जानते है।  तान्या  दिल्ली पब्लिक स्कूल, बुलंदशहर उत्तरप्रदेश की सिबिसी बारहवीं की छात्रा है और युवाक्शी भी, जो इस वर्ष  ऑल इंडिया टॉपर घोषित हुई। अक्सर कहा जाता है कि लैंग्वेज में सौ प्रतिशत नंबर लाना असंभव है लेकिन तान्या और युवाक्षी के डिक्शनरी में असंभव जैसा कोई शब्द नहीं हैं। दोनों ने 500 में 500 मार्क्स लाकर सबको चौंका दिया।

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Tanya told how to get good marks

तान्या सिंह और युवाक्षी विज़ का नाम आज भारत के घर घर में है। हर माता पिता,  शिक्षक अपने बच्चों को तान्या और युवाक्षी जैसी बनाना चाहते हैं। लेकिन क्यों और कैसे, आइए जानते है।  तान्या  दिल्ली पब्लिक स्कूल, बुलंदशहर उत्तरप्रदेश की सिबिसी बारहवीं की छात्रा है और युवाक्शी भी, जो इस वर्ष  ऑल इंडिया टॉपर घोषित हुई। अक्सर कहा जाता है कि लैंग्वेज में सौ प्रतिशत नंबर लाना असंभव है लेकिन तान्या और युवाक्षी के डिक्शनरी में असंभव जैसा कोई शब्द नहीं हैं। दोनों ने 500 में 500 मार्क्स लाकर सबको चौंका दिया।

तान्या को अंग्रेजी, इतिहास, भूगोल , अर्थशास्त्र, संगीत  में सौ प्रतिशत मार्क्स मिले और   युवाक्षी को राजनीति विज्ञान, अंग्रेजी, इतिहास, मनोविज्ञान और पेंटिंग में शत प्रतिशत मार्क्स मिले। तान्या से पूछा गया कि वो कितने घंटो तक  पढ़ाई करती है तो वो बोली," मैंने कभी   घंटे नहीं गिने, बल्कि हर रोज मैं एक टारगेट सेट करती थी। मेरा एक टारगेट रहता था कि एक दिन में कितनी पढ़ाई करनी है। उस टारगेट को पूरा करके ही सोती थी भले ही कितना टाइम क्यों न लग जाए, अगर टारगेट जल्दी पूरा हो जाता तो जल्दी सो जाती थी।" तान्या ने बताया कि उनके पिता विजय कुमार एक कॉन्ट्रैक्टर है और मां पूनम हाउस वाइफ।" वो हर दिन, एक सबजेक्ट का लक्ष्य पूरा होने के बाद ही अगले विषय की तरफ बढ़ती थी।" और हां, तान्या  सोशल मीडिया और मोबाइल से दूर रहती है।

स्कूल वर्क के अलावा वो मोबाइल का इस्तमाल नहीं करती। उसने कभी ट्यूशन नहीं ली, जब भी जरूरत पड़ी स्कूल के टीचर्स  से पूछ लेती थी। तान्या कहती है कि अच्छे मार्क्स  लाने के लिए,  एक लक्ष्य बनाकर प्रत्येक विषय को ठीक से समझ कर पढ़ना चाहिए। ज्यादा नंबर लाने के लिए ट्यूशन  की जरूरत नहीं होती बस, स्कूल में और घर में मन लगाकर पढ़ना चाहिए। तान्या ने यह भी कहा कि अगर किसी स्टूडेंट को कम नंबर मिले तो उसे हताश नहीं होना चाहिए क्योंकि जिंदगी यहीं थम के नहीं रह जाती, आगे और मौके मिलेंगे जिसमें वो फिर से कोशिश करके जीत हासिल कर सकते हैं।  इस सफलता का  श्रेय तान्या अपने माता पिता, अपने स्कूल के टीचर्स और प्रिंसिपल को देती है।

तान्या भविष्य में यूपीएससी की परीक्षा उत्तीर्ण करके सिविल सर्विस करना चाहती है ताकि देश की सेवा कर सके। युवाक्षी ने भी कहा कि उसने लगन से पढ़ाई की थी और आगे भी करती रहेगी।
तान्या, युवाक्षी के अलावा,  भूमिका गुप्ता,  दीपिका बंसल राधिका अग्रवाल को 500 में से 499 अंक मिले। ये छात्र भी सिर्फ एक दो घंटे ही रोज  मन लगाकर, ईमानदारी से पढ़ती थी।

-सुलेना मजुमदार अरोरा