Basant Panchami: वसंत पंचमी या बसंत पंचमी एक हिन्दू त्यौहार हैं, जो ज्ञान, संगीत और कला की देवी सरस्वती के लिए मनाया जाता है।
यह त्यौहार पूरे भारत में मनाया जाता है और हर कोई इस त्यौहार पर बहुत मजे करता हैं।
यह त्यौहार हर साल हिन्दू कैलेंडर के अनुसार माघ महीने के पांचवे दिन मनाया जाता है।
बसंत पंचमी के बाद सर्दियों का मौसम खत्म होकर वसंत का मौसम शुरू हो जाता है।
वसंत का मतलब बसंत ऋतु होता है और यह त्यौहार के पांचवे दिन को दर्शाता है।
बसंत का मतलब सुहावना मौसम होता है जो गर्मी, ठण्ड और वर्षा से आजाद होता है, इसलिए इस मौसम को सभी ऋतुओ का राजा कहा जाता है।
वसंत पंचमी के दिन ज्ञान, शिक्षा, कला, सांस्कृति और संगीत की देवी सरस्वती का जन्मदिन मनाया जाता है।
रीति के अनुसार वसंत पंचमी के एक दिन पहले मंदिरों में देवी सरस्वती के लिए चढ़ावा चढ़ाया जाता है और विश्वास किया जाता है कि अगली सुबह देवी इस पारम्परिक चढ़ावे में हिस्सा लेंगी।
इस त्यौहार में बच्चों को हिन्दू सांस्कृति के अनुसार अपने पहले शब्द लिखना सिखाया जाता है ।
इस त्यौहार पर लोग ज्यादातर पीले रंग के कपड़े पहनते है।
परिवार के साथ पीली मिठाइयां खाई जाती है।
वसंत पंचमी के दिन होलिका के आकर में लकड़ी रखी जाती है और अगले 40 दिनों तक श्रद्धालु उसमें लकड़ी के टुकड़े और दूसरे जलने वाले पदार्थ डालते है और उसे होली पर जलाया जाता है।
वसंत पंचमी के साथ भारत के मशहूर खेल यानि पतंग उड़ाना भी जुड़ा हुआ है।
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