Inspiring Biography of Ratan Tata : रतन टाटा, नवल टाटा के पुत्र है। जिन्हें नवाजबाई टाटा ने अपने पति की मृत्यु के बाद दत्तक ले लिया था। रतन टाटा के माता-पिता नवल और सोनू 1940 के मध्य में अलग हुए। अलग होते समय रतन 10 साल के और उनके छोटे भाई सिर्फ 7 साल के ही थे। उन्हें और उनके छोटे भाई, दोनों को उनकी बड़ी माँ नवाजबाई टाटा ने बड़ा किया था। कैंपियन स्कूल, मुम्बई से ही रतन टाटा ने स्कूल जाना शुरू किया और कैथेड्रल में ही अपनी माध्यमिक शिक्षा प्राप्त की और जाॅन केनौन स्कूल में दाखिल हुए। वही वास्तुकला में उन्होंने अपनी USA की शिक्षा पूरी की।
भारतीय नागरिक प्रणब मुखर्जी (Pranab Mukherjee) का जन्म 11 दिसंबर 1935 में हुआ था। वह पश्चिम बंगाल के बीरभुम जिले के मिराती गांव से है। उन्होंने 15 जून 2012 में देश के राष्ट्रपति की शपथ ली थी। एक प्रभावकारी राजनेता, मुखर्जी ने कांग्रेस पार्टी और भारत सरकार की कई मुश्किलों को हल किया है।
गुजरात के सुईगांव सीमा क्षेत्र की एक बॉर्डर का नाम “रणछोड़ दास पोस्ट” है। यह अजीब नाम क्यों रखा गया और ये किसका है, नहीं जानते? तो सुनो एक कहानी। गुजरात के बनासकांठा जिले के एक गांव पेथापुर गधड़ो में एक गरीब गडरिया रहता था, नाम था रणछोड़दास रबारी। उसका काम था भेड़ बकरी पालना और चराना। रणछोड़ अनपढ़ था, लेकिन उसका दिमाग किसी कंप्यूटर की तरह था, उसकी आंखें भी बड़ी तेज थी।
Mahatma Gandhi ने अपने विचारों, संघर्ष और भारत के लोगों में अपने विश्वास से कई लाखों लोगों को प्रेरित किया। हम सभी को अपने दादा दादी, स्कूल की किताबों से महात्मा गाँधी के बारे में लगभग सभी कुछ पता है लेकिन फिर भी ऐसी कई छोटी छोटी बातें है, जो हमें नहीं पता और इन्ही बातों को आज हम आपके साथ बाँटेंगेः
डॉ राजेंद्र भारुद की जीवनी: महाराष्ट्र के नंदुरबार में, एक छोटे से गाँव के बेहद गरीब परिवार में एक बालक का जन्म हुआ। माँ ने नाम रखा राजू। जन्म से कुछ दिन पहले ही पिता की मृत्यु हो गई थी। गरीबी इतनी थी कि उनके सर पर छत भी
28 सितम्बर 1907 में दक्षिण पंजाब (अब पाकिस्तान में) के लायलपुर में जन्मे भगत सिंह (Bhagat Singh) भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के क्रान्तिकारी हीरो थे।
5 सितम्बर 1888 को भारत के दूसरे राष्ट्रपति डाॅक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन (Dr. Sarvepalli Radhakrishnan) का जन्म हुआ था। एक दर्शनज्ञ, डाॅक्टर एस राधा कृष्णा ने भारत के पहले उप राष्ट्रपति की भूमिका 1952 से 1962 तक निभाई और इसके बाद 1962 से 1967 तक वह भारत के दूसरे राष्ट्रपति बने। जब वह देश के राष्ट्रपति बने तो उनके कुछ छात्रों और दोस्तों ने उनसे गुजारिश की कि वह 5 सितम्बर को उनका जन्मदिन मनाने दे। उन्होंने इसका जवाब दिया था कि उनका जन्मदिन मनाने से अच्छा 5 सितम्बर को लोग शिक्षक दिवस के रूप में मनाये। 1962 से इस दिन को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है।
कहते है कि जब इरादा पक्का होता है तो कठिन काम भी आसान हो जाता है। आईआरएस अधिकारी सारिका का बचपन दर्द और तकलीफों से भरा था। हज़ार ठोकर खाए, बार बार गिरी, लेकिन गिर कर तुंरत उठ खड़ी हुई, तब आखिर सफलता ने सारिका को सलामी दी
धारावाहिक रामायण की याद आते ही सीता माता यानि दीपिका टोपीवाला (Dipika Topiwala) का चेहरा सामने आ जाता है। उस धारावाहिक के बाद दीपिका सांसद भी बनी, लेकिन अभिनय से वे दूर होती चली गई। बीच बीच में वे गुजराती सीरियल्स करती रही। लेकिन अब करीब बीस साल बाद वे लेखक डायरेक्टर धीरज मिश्रा की फिल्म
भारत को आजादी बहुत सारे महान स्वतंत्रता सैनानियों की वजह से मिली है। भारत ने इन सैनानिओं की वजह से अंग्रेजो, फ्रेंच और पोर्तुगी से सैनानियों स्वतंत्रता हासिल की है। भारत को आजाद करने की लड़ाई कई सालों तक चली और कई लोगों के संघर्ष के बाद इसे अंग्रेजो से मुक्त करवाया गया। हम आपको भारत को आजादी दिलवाने वाले टाॅप मशहूर स्वतंत्रता सैनानियों के बारे में बताते है।