Stories Moral Story: अपनों की चोट एक सुनार था, उसकी दुकान के पास ही एक लोहार की दुकान थी एकदम सटी हुई। सुनार जब काम करता तो उसकी दुकान से बहुत धीमी आवाज़ आती, किन्तु जब लोहार काम करता तो उसकी दुकान से कानों को फोड़ देने वाली आवाज़ आती थी। By Lotpot 30 Dec 2023
Stories Moral Story: जैसी संगति वैसी मति एक राजा अपने घोड़े पर सवार एक जंगल से अकेला गुज़र रहा था। जब वह डाकू भीलों की झोपड़ी के पास से निकला, तब उसने देखा कि एक भील के द्वार पर पिंजरे में बंद तोता चिल्ला रहा है... “पकड़ो!... मार डालो इसे! By Lotpot 29 Dec 2023
Stories Moral Story: क्रोध एक संत भिक्षा में मिले अन्न से अपना जीवन चला रहे थे एक दिन वे गांव के बड़े सेठ के यहां भिक्षा मांगने पहुंचे सेठ ने संत को थोड़ा अनाज दिया और बोला कि गुरुजी मैं एक प्रश्न पूछना चाहता हूँ। By Lotpot 29 Dec 2023
Stories Moral Story: खुद को पहचानो एक बार स्वामी विवेकानंद के आश्रम में एक व्यक्ति आया और उनसे बोला “मैं अपने जीवन से बहुद दुखी हूँ, मैं अपने दैनिक जीवन में बहुत मेहनत करता हूँ, काफी लगन से भी काम करता हूँ लेकिन कभी भी सफल नहीं हो पाया”। By Lotpot 28 Dec 2023
Stories Moral Story: असली सम्राट कौन प्रसिद्ध दर्शनशास्त्री कन्फ्यूशियस जंगल में बैठे थे। अचानक ही सम्राट उधर से गुज़रा। उन्हें एकांत में बैठे देख सम्राट ने पूछा तुम कौन हो? कन्फ्यूशियस ने कहा ‘मैं सम्राट हूँ।’ By Lotpot 27 Dec 2023
Stories Moral Story: हर पल का मजा उठाओ मैं ऐसे बहुत से लोगों को जानता हूँ, जो किसी ऐसी चीज़ को नहीं अपनाते जो उन्हें खुशी दे सकती है, केवल इसलिए क्योंकि वे समझते हैं कि उनके पास समय नहीं है। वह कार्य उनकी सूची में नहीं होता। By Lotpot 26 Dec 2023
Stories Moral Story: शांत बनो एक व्यक्ति ने अखबार में स्पोर्ट्स कार के सम्बन्ध में विज्ञापन पढ़ा। यह कार केवल 3 हज़ार मील ही चली थी। विज्ञापन में शेखी बघारी गई थीः ‘‘बिल्कुल नई जैसी, जैसे अभी-अभी तैयार होकर आई हो। कीमत 750 डालर।’’ By Lotpot 25 Dec 2023
Stories Moral Story: क्षमाशीलता अपनाने की ज़रूरत मैं आपको यह बताना चाहता हूँ कि कुछ विशेष मुद्दों के बारें में लिखना तो बहुत आसान होता है लेकिन व्यवहार मे उन्हीं बातों का अनुसरण करना प्रचार करने की तुलना में कहीं अधिक कठिन होता है। By Lotpot 25 Dec 2023
Stories Moral Story: योग्य विश्वामित्र विश्वामित्र ने ऋषि, महर्षि और उसके बाद राज ऋषि तक की उपाधि पा ली थी, मगर कोई उन्हें महाऋषि का दर्जा नहीं दे रहा था। जब भी कहीं ऐसी कोई चर्चा चलती, उन्हें यही सुनने को मिलता कि महाऋषि तो वशिष्ठ हैं। By Lotpot 23 Dec 2023