Moral Story: भेड़िया आया भेड़िया आया
एक बार की बात है, एक चरवाहा भेड़ों के झुंड की देख रेख करता था। एक दिन वह उदास महसूस कर रहा था और उसने गांव के लोगों को पागल बनाने के बारे में एक प्लान बनाया।
एक बार की बात है, एक चरवाहा भेड़ों के झुंड की देख रेख करता था। एक दिन वह उदास महसूस कर रहा था और उसने गांव के लोगों को पागल बनाने के बारे में एक प्लान बनाया।
एक समय की बात है, एक स्वार्थी आदमी था, उसे हर चीज़ खुद के लिए रखना पसंद था। वह अपनी चीज़ें किसी के साथ नहीं बांटता था, यहां तक कि वह अपनी चीज़ें अपने दोस्तों और गरीबों को भी नहीं देता था।
एक समय की बात है एक जंगल में एक तोता रहता था। वह बहुत सुंदर था, उसकी चोंच और पंख बहुत ज़्यादा सुंदर थे। उस तोते के साथ उसका छोटा भाई भी रहता था, वह दोनों जंगल में खुशी खुशी रहते थे।
एक समय की बात है, एक चिड़िया पिंजरे में बंद थी और वह अपने व्यापारी मालिक के लिए गाती थी। व्यापारी उस चिड़िया की आवाज़ का इतना कायल था कि वह दिन रात उसका गाना सुनता था और खुश होकर उसे सोने के बर्तन में पानी देता था।
एक नगर का राजा, जिसे ईश्वर ने सब कुछ दिया, पर फिर भी दुःखी रहता था। एक बार वो घुमते घुमते एक छोटे से गाँव में पहुँचा जहाँ उसे एक मिट्टी के बर्तन बनाने वाला व्यक्ति दिखाई दिया।
एक समय की बात है, एक राजा था जो बीमार था। उसके राज्य के सभी डॉक्टरों और बाहर के राज्य के डॉक्टरों के पास उनकी बीमारी का कोई ईलाज नहीं था। डॉक्टर उन्हें ठीक नहीं कर पा रहे थे।
बंगाल के एक विद्यालय में देशभक्त मास्टर सूर्यसेन अध्यापक थे। वार्षिक परीक्षा में जिस कक्षा में उनकी ड्यूटी लगी थी, वहां विद्यालय के प्रिंसीपल का बेटा भी परीक्षा दे रहा था।