पाँच साल की बेला ने लिखी किताब, गिनीज़ बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड में नाम दर्ज़

पाँच साल की उम्र में ज्यादातर बच्चें खेलने में लगे रहते हैं या ए बी सी सीख रहे होते हैं लेकिन कभी कभी कुछ बच्चे इसी उम्र में वो काम कर जाते हैं जो बड़ी उम्र के लोगों को करते देखा गया है। माउथ डोर सेट की रहने वाली पाँच वर्षीय नन्ही ब्रिटिश बच्ची बेला जे डार्क ने इस छोटी सी उम्र में ना सिर्फ एक किताब लिखी, बल्कि कहानी के अनुसार उसमें खुद चित्र भी बनाए और आज वो किताब धड़ल्ले से बिक रही है। ऐसे में गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड में बेला का नाम दर्ज होना स्वाभाविक है। लेकिन ये सब हुआ कैसे? दरअसल शुरू से ही बेला को लिखने और चित्रकारी का शौक था।

New Update
Five-year-old Bella wrote a book, named in the Guinness Book of World Records

पाँच साल की उम्र में ज्यादातर बच्चें खेलने में लगे रहते हैं या ए बी सी सीख रहे होते हैं लेकिन कभी कभी कुछ बच्चे इसी उम्र में वो काम कर जाते हैं जो बड़ी उम्र के लोगों को करते देखा गया है। माउथ डोर सेट की रहने वाली पाँच वर्षीय नन्ही ब्रिटिश बच्ची बेला जे डार्क ने इस छोटी सी उम्र में ना सिर्फ एक किताब लिखी, बल्कि कहानी के अनुसार उसमें खुद चित्र भी बनाए और आज वो किताब धड़ल्ले से बिक रही है। ऐसे में गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड में बेला का नाम दर्ज होना स्वाभाविक है। लेकिन ये सब हुआ कैसे? दरअसल शुरू से ही बेला को लिखने और चित्रकारी का शौक था।

पिछले साल अचानक एक दिन बेला ने अपनी मम्मी से कहा कि उसे एक कहानी लिखनी है और उसका बुक बनाना है। इस बात को उसकी मम्मी ने गंभीरता से नहीं लिया। लेकिन बेला अपनी नोटबुक में रोज कुछ लिखने लगी और एक दिन उसने सचमुच एक  कहानी लिख डाली। कहानी 'स्नोई' नामक एक बिल्ली के बच्चे की थी, जो अपनी मां को बिना बताए घर से बाहर निकलती है और दूर जाकर रास्ता भटक कर खो जाती हैं। इसमें यह सीख है कि बच्चों को अपनी माँ को बताए बिना कहीं नहीं जाना चाहिए।

कहानी का नाम बेला ने 'द लॉस्ट कैट' रखा और उसमें चित्र भी बनाए। एक दिन बेला अपने परिवार के साथ पुस्तक मेले में गई, वहाँ भी बेला सबको अपनी इच्छा के बारे में बताने लगी और फिर सचमुच वहां एक्जिविशन देखने आए एक पब्लिशर ने बेला की लिखी कहानी देखी और उसे पब्लिश करने का फैसला किया और जिंजर फायर प्रेस ने आधिकारिक रूप से बेला की किताब छापी जिसकी क़ीमत लगभग 406 रुपये रखी गई । सब चाहते थे कि बच्ची का नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड में दर्ज होना चाहिए लेकिन गिनीज़ में नाम तभी दर्ज होता है जब किताब की कम से कम एक हज़ार कॉपी बिके।

देखते ही देखते 'द  लॉस्ट कैट' की एक नहीं बल्कि दो हजार कॉपीयाँ बिक गई और बेला का नाम दुनिया की सबसे छोटी लेखिका के रूप में दर्ज हो गया। जल्द ही बेला एक और किताब लिखने वाली है। बेला की तरह श्रीलंका के पाँच वर्षीय लड़के थानुवाना का नाम भी उसके किताब 'जंक फूड' के लिए, पुरूषों की कैटिगरी में गिनीज़ बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड में दर्ज हुआ है, इसके अलावा गाजियाबाद की सात वर्षीया अभिजीता का नाम भी पिछले साल गिनीज़ बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड में दर्ज हुआ उसकी किताब 'हैपीनेस ऑल अराउंड' के लिए।
★ सुलेना मजुमदार अरोरा ★