Read Full Story
यह कहानी रमेश और उसके बेटे की है, जिसमें रमेश की गलत आदतें उसके बेटे पर असर डालती हैं।
Read Full Story
रमेश का मानना था कि उसकी चालाकी उसके बेटे को होशियार बनाएगी, लेकिन उसका बेटा उसी रास्ते पर चल पड़ा।
Read Full Story
स्कूल में रमेश के बेटे पर पेंसिल चोरी का आरोप लगाने के बाद रमेश को अपनी गलतियों का अहसास हुआ।
Read Full Story
बचपन में रमेश भी ऐसी ही हरकतें करता था और अपने बेटे को ये किस्से गर्व से सुनाया करता था।
Read Full Story
रमेश ने महसूस किया कि उसने अपने बेटे के लिए गलत मिसाल पेश की है और उसे सही राह दिखाने का निर्णय लिया।
Read Full Story
उसने बेटे को समझाया कि सच्चाई और अच्छे संस्कार ही जीवन को सार्थक बनाते हैं।
Read Full Story
रमेश ने स्कूल में नैतिकता की कक्षा शुरू करने का सुझाव दिया और खुद वहाँ पढ़ाना शुरू किया।
Read Full Story
बेटे ने भी अपनी गलतियों को सुधारा और दूसरों की मदद करने लगा।
Read Full Story
रमेश की पत्नी ने इस बदलाव की तारीफ की और कहा कि उनका परिवार अब एक मिसाल बनेगा।
Read Full Story
इस कहानी से यह सीख मिलती है कि माता-पिता का व्यवहार बच्चों के लिए सबसे बड़ी मिसाल होता है और गलतियों को समय रहते सुधार लेना ही असली जीत है।
Read Full Story