गुरु नानक जयंती गुरु नानक जयंती को सिख बहुत धूमधाम से मनाते है। यह खुशियां सिखों के पहले गुरु श्री गुरु नानक देव जी के जन्म के अवसर पर मनाई जाती है। पूरे विश्व में सिख धर्म के लोग इस दिन नगर कीर्तन निकालते है और सिखों के ग्रन्थ श्री गुरु ग्रन्थ साहिब जी के शब्द पढ़ते हैं। यह पर्व कार्तिक महीने की पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है। By Lotpot 28 Nov 2020 in Stories Interesting Facts New Update गुरु नानक जयंती को सिख बहुत धूमधाम से मनाते है। यह खुशियां सिखों के पहले गुरु श्री गुरु नानक देव जी के जन्म के अवसर पर मनाई जाती है। पूरे विश्व में सिख धर्म के लोग इस दिन नगर कीर्तन निकालते है और सिखों के ग्रन्थ श्री गुरु ग्रन्थ साहिब जी के शब्द पढ़ते हैं। यह पर्व कार्तिक महीने की पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है। गुरु नानक जी का जन्म पाकिस्तान के लाहौर से 30 किलोमीटर दूर तलवंडी गांव में 14 अप्रैल 1469 में हुआ था। उनका जन्म क्षत्रिय परिवार में मेहता कालू चाँद और तृप्ति देवी के घर हुआ था। उनका स्वाभाव धार्मिक था और वह अपना ज्यादातर समय धार्मिक ध्यान में बिताते थे। नानक ने सुलखनी जी से शादी की और उनके दो बच्चे श्रीचंद और लक्ष्मीचंद पैदा हुए। लेकिन वह अपने परिवार को छोड़कर ध्यान साधना करने के लिए जंगलों में चले गए। गुरु नानक देव के पहले सच्चे भक्त मरदाना थे। 34 साल की उम्र में नानक धर्म प्रचारक बने। उन्होंने उपदेश दिया कि कोई हिन्दू और मुस्लिम नहीं है, सभी मनुष्य है। वह अपनी धार्मिक सच्चाई के लिए काफी मशहूर हो गए। उन्होंने कई खूबसूरत कविताये बनायीं जो जपजी साहिब में शामिल है। गुरु नानक जयंती का जश्न इस दिन श्रद्धालू धार्मिक ग्रन्थ श्री गुरु ग्रन्थ साहिब में से शब्द पढ़ते है और 48 घंटों तक गुरुद्वारों में बिना रुके शब्द कीर्तन चलते है। इसे अखंड पाठ कहते है। इस मौके पर हर किसी को मिठाई और लंगर बांटे जाते है। आदमी, औरत और बच्चे कारसेवा में हिस्सा लेते है और गुरु के लंगर को बनाते है। इसमें संगत को कराह प्रसाद भी बांटा जाता है। यह त्यौहार पूरे धूमधाम से पूरे भारत खासकर पंजाब और हरियाणा में मनाया जाता है। इस पर्व पर अमृतसर का स्वर्ण मंदिर आकर्षण का खास केंद्र रहता है। और पढ़ें : नाव रेस के बारे में 10 तथ्य #Guru Nanak Jayanti #गुरु नानक जयंती You May Also like Read the Next Article