एनसीपीसीआर (राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग) द्वारा लॉन्च किया गया 'घर' के बारे में जानकारी बच्चे हमारे देश का भविष्य हैं। हर परिवार अपनी अगली पीढ़ी को बहुत प्यार और देखभाल के साथ पालता है और उन्हें अपने पैरों पर खड़ा होने तक अच्छी शिक्षा की सुविधा प्रदान करता है, लेकिन सभी बच्चे इतने भाग्यशाली नहीं होते हैं। कई बार ये बच्चे अपने परिवार से बिछड़ जाते हैं By Lotpot 29 Nov 2022 in Stories Positive News New Update बच्चे हमारे देश का भविष्य हैं। हर परिवार अपनी अगली पीढ़ी को बहुत प्यार और देखभाल के साथ पालता है और उन्हें अपने पैरों पर खड़ा होने तक अच्छी शिक्षा की सुविधा प्रदान करता है, लेकिन सभी बच्चे इतने भाग्यशाली नहीं होते हैं। कई बार ये बच्चे अपने परिवार से बिछड़ जाते हैं और दूर-दराज के इलाकों में पहुंच जाते हैं, जहां उनकी देखभाल करने वाला कोई नहीं होता और वे गलत लोगों के हाथों में पड़कर अपराधी बन जाते हैं, जिससे उनका जीवन बर्बाद हो जाता है। कई बार ये बच्चे अपना सही पता न बता पाने के कारण जीवन भर अनाथालय या पुनर्वास केंद्रों में ही रह जाते हैं। इन मासूम, कोमल मन के छोटे बच्चों को उनके घरों में वापस भेजने और उन्हें उनके परिवारों से मिलाने के लिए भारत के प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी की मदद और पहल से 'घर' वेब पोर्टल शुरू किया गया है। डिजिटली ट्रैकिंग और मॉनिटरिंग से इन छोटे बच्चों को पूरी सुरक्षा दी जा सकती है और जरूरत की चीजें पूरी कर इन्हें उनके परिवारों से मिलाया जा सकता है। .यह **पोर्टल/घर- जाओ और अपने परिवार से मिलो** हर जिले में बच्चों के बारे में जानकारी प्राप्त करने का एक मंच होगा, ताकि इन निराश्रित, बेघर बच्चों, खोए हुए या अपराधों के शिकार हुए बच्चों को वापस लाया जा सके और उनका पुनर्वास किया जा सके। .पोर्टल ने बच्चों को बचाने और उन्हें सुरक्षित रूप से उनके घर वापस लाने के लिए बाल कल्याण (सीडब्ल्यूसी) के लिए अपने प्रशिक्षण मॉड्यूल की बहाली के लिए एक विस्तृत प्रोटोकॉल जारी किया। यह इन निराश्रित बच्चों के विषयों को संबंधित अधिकारियों को डिजिटल हस्तांतरण में सक्षम करेगा। ये प्रोटोकॉल और पोर्टल उन बच्चों की मदद करेंगे जो खो गए हैं या कुछ अवैध गतिविधियों में फंस गए हैं, उन्हें अपने देश, घर और परिवार में वापस लाने में मदद मिलेगी और यह बच्चों को उनके मूल घर तक पहुंचने में मदद करने के लिए सभी चुनौतियों को दूर करेगा जो कि ज्यादातर अधिकारियों के बीच सूचना और समन्वय की कमी के कारण चुनौती दी गई।एनसीपीसीआर द्वारा शुरू किए गए इस प्रोटोकॉल से वर्षों से अनाथालयों में पड़े बच्चों को उनके घर या देश भेजने की समस्या का भी समाधान होगा। यह पोर्टल बच्चों को उनके बचाव और उनके घरों में लौटने के सभी अधिकारों को सुनिश्चित करेगा। यह 'घर' है जो बच्चों को उनके घरों में वापस ले जाता है। ★ सुलेना मजूमदार अरोड़ा ★ You May Also like Read the Next Article