Fun Facts: भारतीय मुद्राओं का रोचक इतिहास

आज के जमाने में हम 'कौड़ी', दमड़ी, धेला, पाई जैसे शब्दों का इस्तेमाल सिर्फ मुहावरों में करते हैं। हम में से शायद ही कोई आम व्यक्ति ऐसा होगा जिन्हें इन शब्दों का सही अर्थ मालूम हो।

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भारतीय मुद्राओं का रोचक इतिहास

Fun Facts भारतीय मुद्राओं का रोचक इतिहास:- आज के जमाने में हम 'कौड़ी', दमड़ी, धेला, पाई जैसे शब्दों का इस्तेमाल सिर्फ मुहावरों में करते हैं। हम में से शायद ही कोई आम व्यक्ति ऐसा होगा जिन्हें इन शब्दों का सही अर्थ मालूम हो। यह वो शब्द हैं जिसे प्राचीन भारत से लेकर लगभग देश की आज़ादी तक सभी जानते और इस्तमाल करते थे। यह है भारतीय मुद्राओं का इतिहास जो काफी पुराना है। (Interesting Facts)

प्राचीन भारत में मुद्राओं का वर्गीकरण अलग अलग तरीके से किया जाता था...

प्राचीन भारत में मुद्राओं का वर्गीकरण अलग अलग तरीके से किया जाता था। हम आज अनजाने में जिस फूटी कौड़ी, दमड़ी, धेला, पाई, आना की बात करते हैं वो भारत के किसी काल में अर्थ बाजार की नींव हुआ करती थी जबकि आज वो चलन से पूरी तरह से बाहर होकर इतिहास बन चुकी है। (Interesting Facts)

Evolution of Indian Currency

मुग़ल शासन से लेकर आज तक भारतीय मुद्राएँ कैसे अपना रूप, रंग, आकार और प्रकार बदलती रही उसके बारे में कहा जाता है कि मुग़ल शासन के बाद भारतीय मुद्रा को, अलग अलग काल में अलग अलग प्रकार से जाना जाता रहा। सबसे प्राचीन काल में भारतीय मुद्रा, फूटी कौड़ी हुआ करती थी। (Interesting Facts)

अब जानिए फूटी कौड़ी से रुपये तक का वर्गी करण कैसे होता था। पहले फूटी कौड़ी, फूटी कौड़ी से कौड़ी फिर कौड़ी से दमड़ी, दमड़ी से धेला, धेला से पाई, पाई से पैसा, पैसे से आना, आना से रुपया। अब चलिए कुछ और विस्तार से इसे समझते है। (Interesting Facts)

तीन फूटी कौड़ी से एक कौड़ी बनता था, दस कौड़ी से बनता था एक दमड़ी, दो दमड़ी से एक धेला , एक धेला से 1.5 पाई, तीन पाई से बनता था एक पैसा (पुराना पैसा), चार पैसा होता था एक आना, इस तरह सोलह आना होता था एक रुपया। अब कुछ अलग तरीके से भी इसे समझ लें। (Interesting Facts)

एक रुपया बनता था दो सौ छप्पन दमड़ी से , दो सौ छप्पन दमड़ी से बनता था एक सौ बानवे पाई, एक सौ बानवे पाई से बनता था एक सौ अट्ठाइस धेला, एक सौ अट्ठाइस धेला से बनता था चौंसठ पैसा (पुराना) चौंसठ पैसे से बनते थे सोलह आना और सोलह आना से बनते थे एक रुपए। 1956/ 57 में भारत, डेसीबल सिस्टम के साथ सिक्के ढालने लगे जिसे नए जमाने के पैसे यानी नया पैसा कहा जाता था, हालाँकि कुछ समय तक देश में डेसिमल और नॉन डेसिमल सिक्कों दोनों का ही चलन चलता रहा और आज प्राचीन भारत की वो मुद्राएँ अपना रूप बदलते हुए डिजिटल क्रिप्टो करेंसी का रूप लेने जा रही है। (Interesting Facts)

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