Public Figure: पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के बारे में रोचक जानकारी

भारतीय नागरिक प्रणब मुखर्जी (Pranab Mukherjee) का जन्म 11 दिसंबर 1935 में हुआ था। वह पश्चिम बंगाल के बीरभुम जिले के मिराती गांव से है। उन्होंने 15 जून 2012 में देश के राष्ट्रपति की शपथ ली थी।

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Ex President of India Pranab Mukherji

पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के बारे में रोचक जानकारी

Public Figure पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के बारे में रोचक जानकारी:- भारतीय नागरिक प्रणब मुखर्जी (Pranab Mukherjee) का जन्म 11 दिसंबर 1935 में हुआ था। वह पश्चिम बंगाल के बीरभुम जिले के मिराती गांव से है। उन्होंने 15 जून 2012 में देश के राष्ट्रपति की शपथ ली थी। एक प्रभावकारी राजनेता, मुखर्जी ने कांग्रेस पार्टी और भारत सरकार की कई मुश्किलों को हल किया है। (Lotpot Personality)

हम आपको उनके बारे में कुछ दिलचस्प तथ्य बताते है...

ज्यादा लोगों को नहीं पता कि राजनीतिज्ञ के अलावा मुखर्जी एक प्रोफेसर भी थे। उन्होंने साल 1963 में पश्चिम बंगाल में दक्षिण 24 परगना के विद्यानगर काॅलेज में पोलिटिकल साइंस पढ़ाई थी। (Lotpot Personality)

उन्होंने स्थानीय बंगाली अखबार देशेर डाक के साथ बतौर पत्रकार भी काम किया था।

मुखर्जी को 1969 में तब की प्रधानमंत्री इंदिरा गाँधी राजनीति में लेकर आयी थी। इंदिरा गाँधी ने उन्हें राज्य सभा का सदस्य बनने की सलाह दी थी। (Lotpot Personality)

यह राष्ट्रपति ज्यादा काम करने के लिए जाने जाते थे और उनकी बेटी शर्मिष्ठा के मुताबिक वह दिन के 18 घंटे काम करते थे और शायद ही कोई छुट्टी लेते थे और वह सिर्फ दुर्गा पूजा के समय अपने गांव मिराती जाते थे। (Lotpot Personality)

Interesting information about former President Pranab Mukherjee

मुखर्जी को भारत का प्रतिभाशाली मंत्री कहा जाता है। वह एकमात्र मंत्री है जिन्होंने डिफेन्स, काॅमर्स, फाॅरेन और फाइनेंस मंत्रालय का कार्यकाल संभाला।

1984 में मुखर्जी को यूरोमनी मैगजीन ने विश्व का बेस्ट फाइनेंस मंत्री का वोट दिया था और वह एकमात्र ऐसे मंत्री है जिन्होंने सात बजट निकाले है। (Lotpot Personality)

इंदिरा गाँधी के निधन के बाद, मुखर्जी ने कांग्रेस छोड़ दी और खुद की राष्ट्रीय समाजवादी पार्टी बनायीं।

वह पिछले 40 सालों से डायरी लिख रहे है और उनके आदेश से यह उनके मरने के बाद छपेंगी। (Lotpot Personality)

वह एकमात्र ऐसे फाइनेंस मंत्री है जिन्होंने उदारीकरण के पहले और बाद में काम किया है।

भारत के 13वे राष्ट्रपति बनने के बाद मुखर्जी ने अफजल गुरु और अजमल कसाब की माफी की अर्जी के अलावा 7 रहम करने वाली गुजारिशों को खारिज किया है। (Lotpot Personality)

मुखर्जी ने 5 सितम्बर यानि शिक्षक दिवस के मौके पर बच्चों को भारत की राजनीतिक इतिहास के बारे में पढ़ाकर इतिहास बनाया। उन्होंने नयी दिल्ली के प्रेसिडेंड एस्टेट में सरकारी स्कूल के बच्चों को पढ़ाया था।

हमारे जमाने में गाँधी और नेहरू हमारी प्रेरणा थी। वह हमारे लिए परम पूज्यनीय थे। मैंने नेहरू के लगभग हर भाषण को पढ़ा है। (Lotpot Personality)

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