रोचक जानकारी : नरक का दरवाजा उसे जाता है जहाँ मैदान में प्राकृतिक गैस का क्रेटर गड्ढा है, जहाँ हमेशा आग जलती रहती है। नरक के दरवाजे का असली नाम दरवाजे क्रेंटर है क्योंकि यह तुर्किस्तान के अहाल प्रान्त के दरवाजे गाँव में है। यह काराकुम मरुस्थल के बीचों बीच स्थित है। ये दुनिया की सबसे बड़ी गैस रिजर्व है।
दरवाजे को इंग्लिश में ‘गेट’ कहते हैँ शायद इसी वजह से इस क्रेटर का नाम ये पड़ा। वहाँ के स्थानीय लोगों ने इसका नाम ‘नरक का दरवाजा’ रखा है। इस जगह का नाम यह इसीलिए भी रखा गया क्योंकि वहाँ लगातार आग ही जलती रहती है बल्कि वहाँ लगातार गरम दल दल भी उबलता रहता है जो की धर्मों के अनुसार नरक के द्वार जैसी आकृति बनाता है
1971 में पूर्व सोवियत संघ के वैज्ञानिक इस मरुस्थल में आयल और गैस की खोज में आये थे। उन्होंने ने यहाँ गलत रिसर्च के बाद ड्रिल करना शुरू किया जिससे यहाँ 270 फुट डायामीटर का और 65.5 फुट गहरा क्रेटर बन गया। जिससे कोई जान हानि तो नहीं हुई पर भारी मात्रा में मीथेन गैस निकलने लगी। इस जहरीली गैस को बहार आने से रोकने के लिए उन्होंने इसमें आग लगा दी। इन्हें लगा की ये आग कुछ हफ्तों में बुझ जाएगी पर वो फिर गलत निकले। तबसे लेकर अभी तक यह नरक का दरवाजा जल रहा है। 44 साल बाद भी उसके बुझने का कोई नामोनिशान नहीं है। रात में यह क्रेटर बहुत खूबसूरत लगता है आसमान में चारों तरफ इसकी रोशनी दिखाई देती है।
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