आठ साल की उम्र में स्केटिंग का वर्ल्ड रिकार्ड धारी बना रनवीर भाटिया

आज की जनरेशन कितनी स्मार्ट और जीनियस है इस बात को प्रमाणित कर रहे हैं विभिन्न चैनल्स पर प्रसारित रियेल्टी शोज। इन डांस तथा सिंगिंग शोज में बच्चे

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Interview RANVEER BHATIA

Interview  Ranveer Bhatia: आज की जनरेशन कितनी स्मार्ट और जीनियस है इस बात को प्रमाणित कर रहे हैं विभिन्न चैनल्स पर प्रसारित रियेल्टी शोज। इन डांस तथा सिंगिंग शोज में बच्चे अपनी प्रतिभा दर्शाते हुये दाँतों तले उंगलियां चबाने पर मजबूर कर रहे हैं। हाल ही में मुबंई के कफ पेरड इलाके के आठ वर्षीय बालक रनवीर भाटिया जो बी डी सोमानी इंटरनैशनल स्कूल में से मिलने का मौंका मिला।

रनवीर ने हाल में लगातार चैबीस घंटो तक स्केटिंग कर गिनीज बुक ऑफ रिकार्ड में नाम दर्ज करवाया है। रनवीर का पूरा परिवार किसी न किसी फन में माहिर है। हाल ही में रनवीर के पिता तथा उसके दादा दादी से मिलने का मौंका मिला तो उन्होंने रनवीर और अपने परिवार के बारे में काफी कुछ बताया। यहां पेश है रनवीर से की गई बातचीत।

रनवीर के पिता राजीव भाटिया पिछले कई सालों से देश विदेश में होने वाली मैराथन दौड़ में बिना नागा शिरकत कर रहे है तथा उसकी दादी मशूहर भजन सिंगर मंजू भाटिया हैं जो पिछले 35 सालों से भजन गाती आ रही हंै। इस्काॅन से जुड़ी ये गायिका अभी तक पूरे भारत के अलावा एक दर्जन देशों में अपनी आवाज का जादू बिखेर चुकी हैं। रनवीर की बुआ शिखा डोंगरे एक बेहतरीन गायिका होने के अलावा जबरदस्त पेंटर है। उसके दादा विजय भाटिया आज तक बहुत अच्छा गाते हैं।

बेलगांव में शिवगंगा स्केटिंग रिंग है। इस बार उन्होंने वल्र्ड वाइड स्केटिंग प्रतियोगिता करने का मन बनाया और स्कूलों के कोचिज से कहा कि वे अपने बेस्ट स्केटिंग छात्रों को इस प्रतियोगिता में हिस्सा लेने के लिये लेकर आयें। रनवीर पिछले दो साल से अपने स्कूल के रेले सर से स्केटिंग की टेªनिंग ले रहा है। इस प्रतियोगिता में रनवीर के कोच ने उसके समेत चैदह बच्चे चुने।

रनवीर उन सबसे एक साल छोटा था। पिछले साल अक्टूबर में होने वाला ये चैबीस घंटे का ईवेंट था। वहां आल इंडिया से टोटल 395 बच्चे उस प्रतियोगिता में शामिल थे तथा एक बैच में 65 से 75 बच्चे थे। खेल के अनुसार गोल रिंग में स्किेटिंग करते हुये हर आधे घंटे में बच्चे को रूकना होता है और वहां रखी एक टेबल पर रखे पारलेजी बिस्कुट दूध में भिगो कर खाने होते हैं अगर भीगा हुआ बिस्कुट गिर गया तो खिलाड़ी आउट मान लिया जाता है। इस प्रकार ये टर्न चैबीस घंटो तक चलता रहा।

वहां रनवीर का टर्न हर पांच घंटे बाद आता था। इस तरह उसे चैबीस घंटों के भीतर लगातार हर राउंड कंपलीट करना था। इस दौरान कितने ही बच्चों को उल्टी हो गई, किसी का गिरने से हाथ या पैर फैक्चर हो गया, लेकिन रनवीर ने अपने ग्रुप के साथ बिना कोई फाऊल किये अपना टर्न कंपलीट किया। इस प्रकार वहां मौंजूद गिनिज बुक रिकार्ड के प्रेजेन्टर ने रनवीर और उसके ग्रुप को विजेता घोषित किया। दरअसल प्रेजेन्टर सब कुछ देखते हुये भी दोबारा वैरीफाई करते हैं, उनकी रिकार्डिंग देखते हैं उसके बाद तीन महीने का टाइम देते हैं कि इस बीच कोई और उस रिकार्ड को तोड़ पाता है या नहीं।

इसके बाद ही वे खिलाड़ी का नाम वल्र्ड रिकार्ड में दर्ज करते हैं। ये रिकार्ड रनवीर और उसके गु्रप को हासिल हुआ, जिसमें देश भर के बच्चों के अलावा साउथ से चैदह बच्चों में रनवीर शामिल था। इस रिकार्ड को कुकिंग डंकी रिले वल्र्ड रिकार्ड कहा जाता है।

रनवीर को तीन साल की उम्र से दौड़ने का बहुत शौंक रहा हैं इसके अलावा उसके अन्य शौंक हैं जैसेे पेटिंग करना, क्रिकेट में फील्डिंग करना, नई नई गाड़ियों का कलैक्शन करना तथा उसे ब्रिज बनाने का शौंक है। हाल ही में उसने अपने कमरे में पड़ी चीजों से सी लिंक ब्रिज बनाया। इसके अलावा वो एयर पोर्ट बनाने की कोशिश करता रहता है।

रनवीर का कहना है कि उसे शतरंज, क्रिकेट, फुटबॅाल तथा स्वीमिंग में बहुत दिलचस्पी है। उसके कोच का कहना हैं कि अगर ये मेरे साथ चार पांच साल रहा तो मैं इसे नेशनल चैंपियनशिप में दौड़ा सकता हूं।

दरअसल रनवीर अभी छोटा है। दस साल का होने के बाद ही वो निश्चित कर सकता हैं कि उसे किस खेल के साथ आगे जाना है।

-श्याम शर्मा

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