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सूरज की पहली किरणों के साथ, घने जंगल में चार घनिष्ठ दोस्त रहते थे: सोहनी मोर, बन्टी बंदर, चिंटू खरगोश, और गज्जू हाथी। वे हमेशा एक साथ समय बिताते और अपनी दोस्ती पर गर्व करते थे।
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जंगल में एक अजनबी शेर के आगमन से हड़कंप मच गया, जो छोटे जानवरों को डराने लगा। सोहनी मोर को यह डर था कि शेर उसके सुंदर पंखों को नोच लेगा।
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चिंटू ने सोहनी को समझाया कि डरने की जरूरत नहीं है, क्योंकि वे सब मिलकर शेर का सामना करेंगे। गज्जू ने अपनी गहरी आवाज़ में कहा कि उनकी दोस्ती इतनी मजबूत है कि कोई भी दुश्मन उन्हें नहीं हरा सकता।
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बन्टी बंदर, जो हमेशा नई तरकीबें सोचता था, ने शेर को सबक सिखाने की योजना बनाई। उसने दोस्तों को बताया कि चालाकी और एकता दिखानी होगी।
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शाम के समय, बन्टी ने अपनी योजना के अनुसार सभी को काम सौंपा। सोहनी मोर ने अपने पंखों से शेर का ध्यान आकर्षित किया, जबकि चिंटू तेजी से दौड़कर उसे छकाता रहा।
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गज्जू ने नदी के पास जाकर अपनी सूंड से पानी उछाला, और बन्टी ने ऊंचे पेड़ से शेर पर पत्तियों का ढेर गिरा दिया। शेर अचानक पानी में भीग गया और खुद को फंसा हुआ महसूस किया।
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गुस्से में शेर ने झपटने की कोशिश की, लेकिन गज्जू ने अपने भारी कदमों से जमीन हिला दी, जिससे शेर डरकर भाग गया।
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अंत में, दोस्तों ने एक-दूसरे को गले लगाया और गज्जू ने कहा कि उनकी एकता ने उन्हें जीत दिलाई। चिंटू ने कहा कि मिलकर काम करने से हर मुश्किल हल हो सकती है।
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इस कहानी की सीख है कि एकता में बल है। जब हम मिलकर काम करते हैं, तो सबसे बड़ी समस्या भी हल हो जाती है। दोस्ती और सहयोग सबसे बड़ा हथियार हैं।
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