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डॉ ए.पी.जे. अब्दुल कलाम, जिन्हें "भारत के मिसाइल मैन" के नाम से जाना जाता है, भारतीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी में एक प्रमुख हस्ती थे।
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उनका जन्म 15 अक्टूबर 1931 को तमिलनाडु के रामेश्वरम में हुआ था, और वे एक साधारण परिवार से आते थे।
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प्रारंभिक शिक्षा के बाद, उन्होंने त्रिवेंद्रम के सेंट जोसेफ कॉलेज से भौतिकी में स्नातक और मद्रास इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में डिग्री प्राप्त की।
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डॉ कलाम ने भारतीय रक्षा क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया, विशेष रूप से भारत की मिसाइल तकनीक और स्वदेशी उपग्रह प्रक्षेपण यान (SLV) के विकास में।
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वे 2002 में भारत के राष्ट्रपति बने और अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने युवाओं को प्रेरित करने के लिए कई विद्यालयों और विश्वविद्यालयों का दौरा किया।
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उनकी आत्मकथा "विंग्स ऑफ फायर" और अन्य किताबें जैसे "इंडिया 2020" और "अग्नि की उड़ान" युवाओं के लिए प्रेरणा स्रोत हैं।
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डॉ कलाम का मानना था कि "सपने वे नहीं जो सोते समय देखे जाते हैं, बल्कि सपने वे हैं जो सोने नहीं देते"।
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27 जुलाई 2015 को उनके निधन के बाद भी, उनकी शिक्षाएं और विचार युवाओं के लिए प्रेरणास्त्रोत बने हुए हैं।
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उन्हें कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार मिले, जिसमें भारत रत्न, देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान शामिल है।
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डॉ कलाम का जीवन और कार्य यह सिखाते हैं कि दृढ़ संकल्प और मेहनत से किसी भी लक्ष्य को प्राप्त किया जा सकता है।
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