Feroze Gandhi: स्वतंत्रता सेनानी, समाजसेवी नेता की जीवन यात्रा

Feroze Gandhi

फिरोज़ गांधी का जन्म 12 सितंबर 1912 को मुंबई में हुआ और उन्होंने प्रारंभिक शिक्षा मुंबई में प्राप्त की।

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उच्च शिक्षा के लिए वे लंदन गए, जहां वे महात्मा गांधी और जवाहरलाल नेहरू से प्रभावित हुए और भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में शामिल हो गए।

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फिरोज़ गांधी ने स्वतंत्रता संग्राम के दौरान कई सत्याग्रह आंदोलनों में भाग लिया और कई बार जेल गए।

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1942 में उनका विवाह इंदिरा गांधी से हुआ, जिससे भारतीय राजनीति में एक नई दिशा मिली।

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उनके दो पुत्र थे, राजीव गांधी और संजय गांधी, जिनमें से राजीव गांधी बाद में भारत के प्रधानमंत्री बने।

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फिरोज़ गांधी रायबरेली से सांसद चुने गए और उन्होंने भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज़ उठाई, विशेषकर हरिदास मुंदड़ा घोटाले का पर्दाफाश किया।

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उन्होंने प्रेस की स्वतंत्रता और बोलने की आज़ादी के लिए संघर्ष किया और 'नेशनल हेराल्ड' अखबार की स्थापना की।

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फिरोज़ गांधी ने अपने लेखों के माध्यम से सामाजिक मुद्दों को उठाया और जनता को जागरूक किया।

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8 सितंबर 1960 को उनका निधन हो गया, लेकिन उनकी विरासत आज भी जीवित है और उन्हें भारतीय लोकतंत्र के सशक्त प्रहरी के रूप में याद किया जाता है।

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फिरोज़ गांधी का जीवन एक आदर्श नेता और समाजसेवी का उदाहरण है, जिन्होंने स्वतंत्रता संग्राम से लेकर भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई तक हर क्षेत्र में अपनी छाप छोड़ी।