भारत में छह तरह के शास्त्रीय नृत्य हैं जिनमें से एक मणिपुरी नृत्य (Manipuri Dance) है। बाकी के पाँच नृत्य भरतनाट्यम, कथकली, कत्थक, कुचिपुड़ी और ओडिसी हैं। मणिपुरी नृत्य का नाम उसके क्षेत्र मणिपुर के नाम से पड़ा, जो कि उत्तरी भारत में स्थित एक राज्य है। इसकी सीमा तीन राज्यों असम, नागालैंड, मिजोरम और एक देश बर्मा से जुड़ी है। मणिपुरी नृत्य के मुख्य हाव-भाव धार्मिक एवं हिन्दू देवी-देवता राधा और कृष्ण से प्रेरित होते हैं जो इस नृत्य के मुख्य किरदार हैं। शुरुआती दौर में ये मंदिरों में किया जाता था और अभी भी ये मणिपुर के धार्मिक और सामाजिक वस्त्रों का अहम हिस्सा है।
इस नृत्य का मुख्य आकर्षण इसके नर्तक और नर्तकी की पोशाकें हैं। इसकी पोशाकें, खासतौर पे नर्तकियों की पोशाकें, अन्य शास्त्रीय नृत्यों से बहुत अलग हैं। नर्तकियों की पोशाक मणिपुरी दुल्हन के पोशाक ‘पोटलोई’ के समान होती है। इसमें सबसे प्रसिद्ध इसकी ‘कुमिल’ पोशाक है जो एक अलंकृत ढोलाकार तनी हुई लम्बी स्कर्ट होती है। इसमें नर्तक एक भड़कीले रंग की धोती पहनता है जिसे ‘धोरा’ या ‘धोतरा’ भी कहते हैं।
लोकप्रिय नर्तक, नर्तकी
गुरु बिपिन सिंह, बिम्बावती देवी(गुरु बिपिन सिंह की बेटी),चारु माथुर, देवयानी, दर्शना झावेरी और उनकी बहनें नयना, रंजना और सुवर्णा हैं।