Motivational : जो कुछ भी है हमारे पास है उसका सम्मान करो

Motivational : शहर के पास वाली बस्ती में  एक छोटा सा गरीब नेत्रहीन  लड़का  रहता था।  वो रोज़ सुबह मुख्य सड़क के किनारे एक तख्ती लेकर बैठ जाता था। तख्ती पर लिखा था, "मेरी मदद कीजिये, मैं एक गरीब अंधा लड़का हूँ।" दिन भर वो लड़का वहीं बैठा रहता लेकिन लोग उसपर ध्यान नहीं देते थे। कभी कभार कोई एक दो रुपये उसके कटोरे में डाल देता था। शाम को वो थक हार कर अपनी झोपड़ी में लौट जाता था।  ऐसा वो रोज़ करता था। एक दिन वो सड़क के किनारे हमेशा की तरह बैठा था कि तभी वहाँ से एक  व्यक्ति गुज़रा। उसकी नज़र उस गरीब, नेत्रहीन बच्चे  और उसकी तख्ती पर पड़ी ।

By Lotpot
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Motivational : शहर के पास वाली बस्ती में  एक छोटा सा गरीब नेत्रहीन  लड़का  रहता था।  वो रोज़ सुबह मुख्य सड़क के किनारे एक तख्ती लेकर बैठ जाता था। तख्ती पर लिखा था, "मेरी मदद कीजिये, मैं एक गरीब अंधा लड़का हूँ।" दिन भर वो लड़का वहीं बैठा रहता लेकिन लोग उसपर ध्यान नहीं देते थे। कभी कभार कोई एक दो रुपये उसके कटोरे में डाल देता था। शाम को वो थक हार कर अपनी झोपड़ी में लौट जाता था।  ऐसा वो रोज़ करता था। एक दिन वो सड़क के किनारे हमेशा की तरह बैठा था कि तभी वहाँ से एक  व्यक्ति गुज़रा। उसकी नज़र उस गरीब, नेत्रहीन बच्चे  और उसकी तख्ती पर पड़ी ।

उसने जेब से कुछ रुपये  निकालकर बच्चे के हाथ में दिया और फिर  तख्ती में लिखे शब्दों को काटकर, उसकी जगह कुछ और लिखते हुए लड़के से कहा, 'मैं कल फिर आऊँगा।" और चला गया। थोड़ी देर बाद एक चमत्कार हुआ,  जो भी वहां से गुजरता, वो पलभर को रुक कर तख्ती में लिखे संदेश को पढ़ता और बच्चे की कटोरी में रुपये, पैसे डाल कर चला जाता। शाम होते होते कटोरी में रुपये पैसों की ढेर लग गई। बच्चे को बड़ा आश्चर्य हुआ कि उस व्यक्ति के जाने के बाद से यह क्या जादू हुआ?

अगले दिन वो बड़ी बेसब्री से उस व्यक्ति का इंतजार करने लगा। थोड़ी देर में वो आदमी वहां आया और बच्चे के हाथ में कुछ रुपये देकर पूछा, "कैसे हो?" बच्चा झट से  उसे पहचान गया और खुशी से भर कर बोला, "बहुत अच्छा हूँ साहब, लेकिन  कल आपने ऐसा क्या किया था कि आपके जाने के तुरंत बाद लोग मुझे बहुत रुपये पैसे देने लगे?" इस प्रश्न पर वो व्यक्ति हँस कर बोला, 'मैंने तो कुछ नहीं किया बेटे, बस तख्ती पर जो लिखा था उसे  थोड़ा बदल दिया।' बच्चे ने पूछा, "क्या बदला साहब?" व्यक्ति ने जवाब दिया, "मैंने उसमें लिखा, 'आज का दिन कितना सुंदर है लेकिन मैं इसे देख नहीं सकता'।"

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बच्चे ने आश्चर्य से पूछा, "लेकिन पहले इस तख्ती में जो लिखा था उसका मतलब भी तो ऐसा ही था, नया क्या है इसमें कि लोगों ने मुझे इतने पैसे दिए?" तब उस व्यक्ति ने मुस्कुराते हुए जवाब दिया, "नहीं, दोनों का मतलब एक जैसा नहीं है। पहले तख्ती में जो लिखा था वो लोगों को सिर्फ इतना बता रहा था कि तुम अंधे हो, लेकिन फिर मैंने जो लिखा वो यह बता रहा था कि वो लोग अंधे नहीं है, और दुनिया की जो खूबसूरती तुम नहीं देख पा रहे हो उसे वे लोग देख पा रहे है। इससे लोगों के मन में यह भावनाये आई कि वे लोग कितने भाग्यशाली हैं जो इस सुंदर दुनिया को देख पा रहे हैं।" यह सुनकर बच्चा मुस्कुरा पड़ा।

कहानी की सीख ये है कि  हम लोगों के पास जो है उसकी कीमत हम तब तक नहीं जान  सकते जब तक कि हम उसे खो नहीं देते। इसलिए हमारे पास जो कुछ भी है उसका सम्मान करना चाहिए।