2.5 मिलियन टन पारंपरिक यूरिया को नैनो यूरिया से बदलेगा भारत

भारत वित्त वर्ष 2024 में 25 मिलियन टन पारंपरिक यूरिया की खपत को नैनो यूरिया से बदलेगा।

नैनो यूरिया फसलों के लिए नाइट्रोजन की उपलब्धता को बढ़ाता है और खेतों से पोषक तत्वों के नुकसान को कम करता है।

भारत में यूरिया की खपत प्रति वर्ष 6-7% की दर से बढ़ रही है।

भारत केवल 43 से 46 मिलियन टन का उर्वरक उत्पादन करता है, जबकि आवश्यकता 58 से 63 मिलियन टन है।

भारत चीन के बाद उर्वरकों का दूसरा सबसे बड़ा उपभोक्ता है।

नैनो यूरिया का पेटेंट इफको (IFFCO) के पास है।

भारत में तीन संयंत्र पारंपरिक यूरिया का उत्पादन करते हैं।

ओडिशा में तालचेर फर्टिलाइजर्स लिमिटेड के स्वामित्व वाले संयंत्र से यूरिया उत्पादन क्षमता बढ़ाई जा सकती है।

नैनो यूरिया का उपयोग करने वाले जिलों की संख्या बढ़ रही है।