श्रम और इच्छाशक्ति से संभव है सफलता

अब्राहम लिंकन का नाम दुनिया के सफलतम व्यक्तियों में गिना जाता है। लिंकन ने लगातार असफल होने के बावजूद लक्ष्य के लिए प्रयासरत रहते हुए सफलताएं अर्जित की। सन् 1831 में लिंकन अपने व्यापार में विफल हुए। सन् 1832 में वे विधायिका के चुनाव में पराजित हुए। सन् 1883 में वे व्यापार में दूसरी बार असफल हुए।

By Lotpot
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Success is possible with hard work and will

अब्राहम लिंकन का नाम दुनिया के सफलतम व्यक्तियों में गिना जाता है। लिंकन ने लगातार असफल होने के बावजूद लक्ष्य के लिए प्रयासरत रहते हुए सफलताएं अर्जित की। सन् 1831 में लिंकन अपने व्यापार में विफल हुए। सन् 1832 में वे विधायिका के चुनाव में पराजित हुए। सन् 1883 में वे व्यापार में दूसरी बार असफल हुए। सन् 1836 में लिंकन स्नायु दुर्बलता के शिकार हुए और उसी साल वे विधायिका के अध्यक्ष पद के चुनाव में भी हार गए।

सन् 1842 में लिंकन आम चुनाव में पराजित हुए। सन् 1843 में उन्हें संसदीय चुनाव में पराजित होना पड़ा। सन् 1848 में लिंकन संसदीय चुनाव में फिर पराजित हुए। सन् 1858 में सीनेट के चुनाव में और सन् 1856 में उप राष्ट्रपति पद के चुनाव में लिंकन को पराजय का सामना करना पड़ा। लेकिन बार बार असफल होने के बावजूद वे निराश नहीं हुए।

न ही उन्होंने प्रयत्न करना छोड़ा। सन् 1861 में वे अमेरिका के राष्ट्रपति चुने गए। इस प्रकार अब्राहम लिंकन ने साबित कर दिया कि श्रम और दृढ़ इच्छाशक्ति के सहारे आदमी निर्धारित लक्षय को अवश्य ही पा सकता है। विफलताओं से हार मानकर जो आदमी हाथ पर हाथ धरकर बैठ जाता है, वह कभी सफलता का स्वाद नहीं चख सकता।