Posts Tagged "शिक्षाप्रद कहानियां"

8Aug2020

एक बार स्कूल का एक अध्यापक अपने शिष्यों को सूरजमुखी के बीज देकर उसका पौधा उगाने और उसकी देखभाल करने के लिए कहते है। सभी शिष्यों को यह कार्य ज्यादा पसंद नहीं आता लेकिन इनमे से एक शिष्य को ये कार्य बहुत बहुत प्यारा लगता है और वह बड़ी उत्सुकता से इन बीजो को बोता है और कई दिनों तक इनकी देखभाल करता है।

6Aug2020

Hindi Kids Story : गधेपन की हरकत – कालू सियार आज नदी पर बहुत ताव खा रहा था। गुस्से से उसके नथुने फड़क रहे थे। पर नदी तो नदी थी। वह तो वैसे ही मुस्कुराती बह रही थी। कालू नदी को बराबर कोसे जा रहा था और साथ में उसे देख लेने की धमकी भी दिये जा रहा था बात यह थी कि कुछ दिनों से कालू को नदी में केकड़े खाने को नहीं मिल रहे थे। उसे नदी पर शक था कि  उसने केकड़ों को पानी के भीतर छिपा लिया हैं। यही वजह थी जिससे कालू नदी पर गुस्सा कर रहा था। कालू ने नदी से बदला लेने की सोच रखी थी। उसने काला रंग नदी को काला करने के लिए छोड़ दिया था।

5Aug2020

आधी रात का समय था। छत्रपति शिवाजी गहरी नींद में सो रहे थे। तभी पहरेदारों की नजरें बचाकर बारह-तेरह साल का एक किशोर महाराज के शयन-कक्ष में घुस आया। इधर- उधर देखकर झटपट उसने अपनी कमर में खोंसी कटार निकाल ली और सो रहे शिवाजी पर अभी वह वार करने ही जा रहा था। कि किसी ने पीछे से आकर उसे मजबूती से पकड़ लिया।

15May2020

गर्मी के दिन थे। गंगा नदी के घाट-घाट पर भीड़ रहती थी। स्नान करने वालों का तांता लगा रहता था। भीड़ ही भीड़! शोर ही शोर! जिधर देखो, उधर चिल्लपों-चीख पुकार!! स्नानार्थी आधी रात तक भी सिमटने का नाम नहीं लेते थे।

15May2020

तिरंगे का सम्मान: स्वतंत्रता दिवस का एक दिन शेष था। विद्यालय में बच्चों ने दिनभर 15 अगस्त के कार्यक्रमों की तैयारी की। शशांक भी पूरे दिन की तैयारी से थक कर लौटा था। सोते समय वह माँ से कहने लगा- ‘माँ! मैं सोने के लिए जा रहा हूँ। सुबह मुझे जल्दी जगा देना, ‘वह थका तो था ही, बिस्तर पर जाते ही उसे गहरी नींद आ गयी।

9May2020

मित्र की पहचान: बरसात का मौसम था आकाश में काले बादल छाये थे। ठंडी ठंडी पुरवाई चल रही थी। पीलू बया का घोंसला तैयार होने में देर थी। उसने अपने मित्र चुग्गा चिड़ा को आवाज दी।

9May2020

बाल कहानी (Hindi Kids Stories) : भीम की परीक्षा: भीम सेन अपने युग का सबसे बलवान योद्धा तो था ही पर उसे अपने अत्यन्त बलशाली होने का बहुत अभिमान हो गया था। वह जहां भी बैठता अपने बल तथा पराक्रम का बखान करने लगता। यही नहीं वह अपने अत्यन्त बलशाली होने का प्रदर्शन करने के लिए अनेक निरीह जंगली जानवरों को मार देता। पेड़ पौधों को उखाड़ कर फेंक देता।

9May2020

कमल पाँचवीं कक्षा का छात्र था वह अपनी कक्षा के सभी छात्रों से वह उम्र में काफी बड़ा था कि वह हर कक्षा में कई वर्ष लगाता था इसका कारण यह था उम्र ज्यादा होने के कारण वह अपनी कक्षा के छात्रों से दोस्ती भी न कर पाता था।

8May2020

बाल कहानी (Hindi Kids Stories) : आलस का फल: कानन वन में खरगोशों का एक झुंड रहता था। वन का वह भाग जहाँ खरगोश रहते बड़ा हरा भरा था। सब खरगोश को मेहनत पसन्द थी। सबके अपने अपने खेत थे वे दिन भर मेहनत करते व रात को चैन से सोते।

25Apr2020

वैसे आलोक रहता तो था शहर में। अपने माता-पिता के पास, लेकिन आजकल वह अपने नाना जी के गाँव में गर्मियों की छुट्टियाँ बिताने आया था। पढ़ने-लिखने में तेज, आलोक साहसिक कार्यो में भी बच्चों का अगुआ था। आलोक भूत-प्रेतों और अंधविश्वासों को जरा भी न मानता था जबकि उसके नाना जी भूत-प्रेतों और अंधविश्वासों को मानने लगे थे। बस आलोक को यही बात खटकती रहती कि उसके नाना जी जो भूत-प्रेतों का कभी न मानते थे अब क्यों भूत-प्रेतों में विश्वास करने लगे थे?