Posts Tagged "शिक्षाप्रद कहानियां"

20Jan2020

बाल कहानी : विजय का साहस – विजय अपने माता-पिता के साथ गाँव जा रहा था। वहाँ उसकी चचेरी बहन की शादी थी। पिता जी ने शादी में देने के लिए सुन्दर सुन्दर उपहार खरीदे थे जिसमें कपड़े, बर्तन और सोने के गहने भी थे।
फैजाबाद से शाम को वे सब गंगा युमना एक्सप्रेस गाड़ी से रवाना हुए जो सुबह तक उनको आगरा पहँँुचा देती। जहाँ से बस पकड़कर वे दोपहर तक गाँव पहुँच जाते।

20Jan2020

बाल कहानी : हार  जीत- चाँदनी रात थी। गधे राम को न जाने क्या सूझी, गाने लगे मल्हार। शेर साहब ने सोते-सोते आँखें खोल दी। क्रोध से उनका सारा
शरीर काँप उठा। पारा जब सीमा से बाहर हो गया तो लगा दी जोर से दहाड़। सारा जंगल काँप गया, सारी प्रजा सोते-सोते उठ खड़ी हुई। सूचना एवं प्रसारण मंत्री  काँव-काँव कौआ, परिवार कल्याण मंत्री श्री खरगोश लाल व निजी सचिव चूहे चुहे दास अविलम्ब हाजिर हुए। चारों ने एक साथ प्रश्न किया, ‘‘क्या हुआ वनराज?

20Jan2020

उन छः चोरों की चर्चा गाँव के बच्चे बच्चे की जुबान पर थी। प्रतिदिन पुलिस स्टेशन पर लोग इकट्ठा हो जाते, रातों को अपने घरों में होने वाली चोरियों की शिकायतें करते, परन्तु पुलिस भी उन छः चोरों को न पकड़ पा रही थी। सरकार ने चोरों पर ईनाम भी रखा था कि जो व्यक्ति चोरों को पकड़वाने में पुलिस की सहायता करेगा सरकार उसे पाँच हजार रुपये ईनाम में देगी।

20Jan2020

जार्ज बहुत ही नेक स्वभाव के थे। एक दिन उन्होंने एक विकलांग वृद्धा को देखा जिसकी देखभाल करने वाला कोई नहीं था। वे व्हील चेयर पर बैठी रहती थीं। अक्सर उनके व्हील चेयर को कोई नेक मनुष्य इधर से उधर घुमा जाता था। एक बार जार्ज ने उन्हें बगीचे में सुंदर फूलों को निहारते पाया तो उनसे बोला,

17Jan2020

उस जंगल में प्रति रविवार को एक स्पेशल बाजार लगा करता था जिसमें दास की तरह कई नौकर चाकर बिकने आया करते थे। एक दिन जंगल सम्राट ‘चंकी शेर’ अपने पुराने दास कालू भालू के साथ बाजार में पहुंचा। वहां कई किस्म के दास जानवर बिकने आये हुए थे…
भालू बड़ा ही स्वामीभक्त था। अपने इस गुण के कारण वह अपने स्वामी का विश्वासपात्र बन गया था। वह अपने स्वामी से जो भी बात करता उस पर अमल अवश्य होता था।

17Jan2020

मोहल्ले के सारे बच्चे ताई को बेहद चाहते थे। पढाई-लिखाई के बाद सारा समय ताई के साथ बिताते थे। ताई भी बिल्कुल अकेली थी। सफेद बाल धुनी हुई रूई जैसे चेहरे पर ढेरों झुर्रियों की लकीरें जैसे भूगोल के नक्शे में नदियाँ बह रही हो। मुँह में एक भी दाँत नहीं बड़ी भोली भाली सी पोपली हँसी थी ताई की। इतनी उम्र हो जाने पर भी ताई जसवन्ते बड़ी मेहनती थी।

17Jan2020

जंगल के सभी पशु-पक्षियों के दिन आराम से बीत रहे थे। राजा शेर के प्रशासन में किसी को कोई कष्ट न था। अचानक एक दिन एक आदमी जंगल मे आ गया। यह पता लगते ही सारे पशु-पक्षी सकते में आ गए क्योंकि उन्होंने सुन रखा था कि आदमी बहुत खतरनाक जाति होती है। आदमी के आने की खबर आग की तरह तुरन्त पूरे जंगल में फैल गई।

3Jan2020

रोमिका जंगल का शासक ‘राॅकी शेर’ प्रति वर्ष नये साल पर खूब खुशियाँ मनाया करता। नये साल की नूतन बेला में वह जंगल के समस्त प्राणियों को दावत देता और विभिन्न प्रकार की प्रतियोगिताएँ भी आयोजित करवाता। इससे जंगल के सभी प्राणी बड़े खुश रहते। और उन्हें नये साल के आगमन का हर साल बेसब्री से इंतजार रहता। एक साल-नूतन वर्ष के दिन संत मीन्टू भालू पधारे। उन्होंने अपना पड़ाव जंगल की सीमा पर ही जमाया। उनकी प्रसिद्धि की शौहरत सुनकर खुद ‘राॅकी शेर’ उनके दर्शनार्थ पहुँचा और बोला। आज नूतन वर्ष का शुभ दिन है।