लोटपोट की कहानी का पिटारा : राजू और सच की जीत
लोटपोट की कहानी का पिटारा : राजू और सच की जीत :- ग्यारह बजकर दस मिनट हो चुके थे। तेज कदमों से चलते हुए राजू की नजर ज्यों ही घड़ी पर पड़ी, उसने यकायक हड़बड़ाकर भागना शुरू कर दिया। ठीक सवा ग्यारह बजे उसने हाँफते हुए स्कूल में प्रवेश किया। कुछ ही पल बाद वह अपनी कक्षा के दरवाजे पर खड़ा था। कक्षा में गणित के अध्यापक श्री सक्सेना जी छात्रों को पढ़ा रहे थे।