यूरोप की विवशता और हमारी मूर्खता आठ महीने ठण्ड के कारण, कोट पैंट पहनना उनकी विवशता हैं और शादी वाले दिन भरी गर्मी में कोट पैंट डाल कर बारात ले जाना, हमारी मूर्खता हैं। ताजा भोजन उपलब्ध ना होने के कारण, सड़े आटे से पिज्जा, बर्गर, नूडल्स खाना यूरोप की विवशता हैं और 56 भोग छोड़ कर 400 रूपये की सड़ी रोटी (पिज्जा) खाना, हमारी मूर्खता हैं। By Lotpot 31 Dec 2020 in Stories Interesting Facts New Update यूरोप की विवशता और हमारी मूर्खता: आठ महीने ठण्ड के कारण, कोट पैंट पहनना उनकी विवशता हैं और शादी वाले दिन भरी गर्मी में कोट पैंट डाल कर बारात ले जाना, हमारी मूर्खता हैं। ताजा भोजन उपलब्ध ना होने के कारण, सड़े आटे से पिज्जा, बर्गर, नूडल्स खाना यूरोप की विवशता हैं और 56 भोग छोड़ कर 400 रूपये की सड़ी रोटी (पिज्जा) खाना, हमारी मूर्खता हैं। ताजे भोजन की कमी के कारण फ्रिज इस्तेमाल करना, यूरोप की विवशता हैं और रोज ताजी सब्जी बाजार में मिलनें पर भी, हफ्ते भर की सब्जी फ्रिज में ठूँस सड़ा कर खाना, हमारी मूर्खता हैं। पर्याप्त अनाज ना होने के कारण जानवरों को खाना, उनकी विवशता हैं और 1600 किस्मों की फसल होनें के बावजूद, स्वाद के लिए निरीह प्राणी मार कर खाना, हमारी मूर्खता हैं। लस्सी, मट्ठा, छाछ, दूध, जूस, शिकंजी आदि ना होने के कारण, कोल्ड ड्रिंक पीना उनकी विवशता हैं और 36 तरह के पेय पदार्थ होेते हुए भी कोल्ड ड्रिंक नामक जहर पी कर खुद को आधुनिक समझना हमारी मूर्खता हैं। जड़ी बूटियों का ज्ञान ना होने के कारण, जीव जन्तुओं के माँस से दवायें बनाना, उनकी विवशता हैं और आयूर्वेद जैसी महान चिकित्सा होने के बावजूद, माँस की दवाईयाँ उपयोग करना, हमारी मूर्खता हैं। #Lotpot #facts You May Also like Read the Next Article