क्यों करना चाहिए काशी दर्शन जाने इसकी मुख्य वजह

हमारे देश के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने कहा कि जीवन में सबको कम से कम एक बार काशी दर्शन जरूर करना चाहिए। वैसे तो काशी के बारे में सबको जानकारी है लेकिन फिर भी इस नगरी के बारे में कुछ और जान लेते है। 

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The main reason why one should visit Kashi Darshan

हमारे देश के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने कहा कि जीवन में सबको कम से कम एक बार काशी दर्शन जरूर करना चाहिए। वैसे तो काशी के बारे में सबको जानकारी है लेकिन फिर भी इस नगरी के बारे में कुछ और जान लेते है।  काशी भारत तथा  विश्व के प्राचीनतम, नगरी में से एक है जो वाराणसी शहर में स्थित एक पौराणिक नगरी है। यह सुंदर नगरी गंगा के उत्तरी तट पर, उत्तर प्रदेश के दक्षिण पूर्वी कोण में,असी तथा वरुणा के गंगा संगमो के बीच स्थित है।

इस नगरी का प्राचीन नाम वाराणसी था जो धीरे धीरे बोलचाल की भाषा में बनारस कहा जाने लगा लेकिन फिर उत्तरप्रदेश सरकार ने अधिकृत रूप से इसे फिर से वाराणसी कर दिया। काशी विश्वनाथ मंदिर, भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंग में से एक है। विश्व के सबसे प्राचीन ग्रंथ ऋग्वेद में काशी नगरी का उल्लेख है। पौराणिक कथा के अनुसार यह भगवान विष्णु (माधव) की पुरी थी। कहा जाता है कि जहां श्री हरि के खुशी के आंसू गिरे थे वहां बिंदुसरोवर बन गया। यह महादेव (भगवान शंकर) का भी निवास स्थल माना जाता है। हरिवंश पुराण के अनुसार काशी नगरी को भरतवंशी राजा काश ने बसाया था।

काशी दर्शन

पुराणों में काशी को मोक्षदायिनी पुरियों में स्थान दी गई है। काशी में एक हज़ार पांच सौ मंदिर है जिनमें से ज्यादातर की परम्परा इतिहास के अलग अलग कालों से जुड़ा है। इनमें विश्वनाथ मंदिर, संकटमोचन मंदिर, और दुर्गा मंदिर विश्व भर में प्रसिद्ध है। विश्वनाथ मंदिर,के शिखर पर महाराज रंजीत सिंह ने सोने का पत्तर चढ़वा दिया था। संकटमोचन मंदिर की स्थापना गोस्वामी तुलसीदास जी ने की थी।  दुर्गा मंदिर को  सत्रहवीं सदी में मराठों ने बनवाया था। घाटों के तट पर कई  मंदिर बने हुए है इनमें सबसे प्राचीन राजघाट का आदिकेश मंदिर है। प्रसिद्ध घाटों में दशाश्वमेध, मणिकर्णिका, हरिश्चंद्र और तुलसी घाट माना जाता है।

नए मंदिरों में भारत माता का मंदिर और तुलसी मानस मंदिर प्रसिद्ध है। इस नगरी में आधुनिक शिक्षा  केंद्र काशी विश्वविद्यालय की स्थापना महामना मदन मोहन मालवीय ने 1916 ई. में की थी। यहां प्राचीन परंपरा की बहुत सारी संस्कृत पाठशालाएं भी है। इसके अलावा भी यहां काशी विद्यापीठ नामक विश्वविद्यालय भी है। इस प्राचीन नगरी को भारत की संस्कृतिक राजधानी होने का गौरव प्राप्त है। वाराणसी के घाटों का दृश्य बहुत ही सुंदर है।

भागीरथी नदी के धनुषाकार तट पर  इन घाटों की पंक्तियां दूर दूर तक दिखती है। समय के साथ साथ काशी में बहुत सारी नई परियोजनाएं बन रही है, हाल के काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के अलावा 870.16 करोड़ से अधिक लागत की  बाईस विकास परियोजनाएं का लोकार्पण हुआ। काशी नगरी का स्वरूप और भी ज्यादा सुंदर और विशाल होता जा रहा है इसलिए कहा जाता है कि जीवन में एक बार काशी दर्शन जरूर करना चाहिए।

   -सुलेना मजुमदार अरोरा