26 जनवरी को गणतंत्र दिवस मनाने के पीछे की कहानी

26 जनवरी यानी गणतंत्र दिवस, भारत का एक राष्ट्रीय पर्व है जिसे बहुत धूमधाम से हर साल हमारे देश में मनाया जाता है। स्कूल हो या शिक्षा संस्थान

By Ghanshyam
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The story behind celebrating Republic Day on 26 January

26 जनवरी यानी गणतंत्र दिवस, भारत का एक राष्ट्रीय पर्व है जिसे बहुत धूमधाम से हर साल हमारे देश में मनाया जाता है। स्कूल हो या शिक्षा संस्थान, हाउसिंग सोसाइटी हो या सरकारी /प्राइवेट दफ्तर, हर जगह एक उत्सव का आयोजन होता है और पूरे आन बान और शान से तिरंगा फहराया जाता है तथा इंडिया गेट से लेकर राष्ट्रपति भवन तक राजपथ पर भारतीय सेना, वायुसेना, नौसेना के विभिन्न रेजिडेंट हिस्सा लेते हुए भव्य परेड करते हैं। कई प्रकार के प्रोग्राम्स का प्रदर्शन होता है। वर्ष 1950 को, इसी दिन भारत सरकार अधिनियम ऐक्ट 1935 को हटाकर भारत का संविधान लागू किया गया था।

क्या आप जानते हैं कि आजादी से पहले 26 जनवरी को ही स्वतंत्रता दिवस के रूप में मनाया जाता था? लेकिन फिर छब्बीस जनवरी को गणतंत्र दिवस के रूप में क्यों मनाया जाने लगा? दरअसल पंद्रह अगस्त 1947 को भारत को स्वतंत्रता मिली थी और संविधान 26 नवंबर 1949 में पूरी तरह तैयार हो चुका था लेकिन इसे लागू किया गया  दो महीने के बाद, यानी 26 जनवरी 1950 को। संविधान लागू करने के लिए 26 जनवरी के दिन को ही इसलिए चुना गया था क्योंकि वर्ष 1930 में  26 जनवरी के दिन, देश के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के संचालन में इंडियन नेशनल कौंग्रेस ने अँग्रेजी साम्राज्य के विरुद्ध 'पूर्ण स्वराज्य की घोषणा की थी। इसलिए छब्बीस जनवरी को भारत गणतंत्र दिवस के रूप में मनाया जाता है। इतिहास के पन्ने पलटने से हमें मालूम पड़ता है कि 31 दिसंबर 1929 को भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के लाहौर सत्र में, पंडित जवाहरलाल नेहरू के नेतृत्व में एक बैठक रखा गया था। इसी बैठक में शामिल सदस्यों ने 26 जनवरी को स्वतंत्रता दिवस के रूप में मनाने और देश का झंडा फहराने की शपथ ली ताकि ब्रिटिश राज से पूर्ण स्वतंत्रता प्राप्त कर सकें।
इस तरह अंग्रेज़ों की गुलामी से भले ही भारत 15 अगस्त 1947 को स्वतंत्र हो गया था लेकिन जब दो साल, ग्यारह महिने और सत्रह/अट्ठारह दिनों में भारत का संविधान तैयार हुआ तब जाकर सही मायने में 26 जनवरी 1950 को स्वतंत्रता प्राप्त हुई और भारत के प्रथम राष्ट्रपति डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद ने उस दिन देश भर में गणतंत्र दिवस मनाने की घोषणा की और पहली बार सेना की सलामी ली थी। यह भी जानना जरूरी है कि बाबा साहेब भीमराव अम्बेडकर ने बाइस समितियों के साथ, लगभग दो साल ग्यारह महीने और अठारह दिनों में दुनिया का सबसे बड़ा लिखित संविधान तैयार किया था।

★सुलेना मजुमदार अरोरा★