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हिमाचल प्रदेश के जटोली शिव मंदिर को एशिया का सबसे ऊँचा शिव मंदिर माना जाता है।
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मंदिर की ऊँचाई बढ़ाकर 122 फुट तक पहुँच गई है।
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मंदिर में हिन्दू धर्म के भगवान भोले बाबा शिव शंकर के अलावा अन्य देवी-देवताओं की मूर्तियाँ और एक स्फटिक मणि शिवलिंग भी स्थापित हैं।
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मंदिर का निर्माण दक्षिण द्रविड़ पद्धति से हुआ है और इसे दुनिया के सर्वश्रेष्ठ भारतीय कारीगरों ने निर्मित किया है।
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मंदिर में स्थापित स्फटिक शिवलिंग पर सूर्य किरण पड़ने पर सकारात्मक ऊर्जा निकलती है।
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मंदिर के पत्थरों को थपथपाने से डमरू बजने जैसी आवाज़ आती है।
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मंदिर का निर्माण भक्तों के दान से हुआ है और अब तक इसमें करोड़ों रुपये खर्च हो चुके हैं।
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इस मंदिर की ऊँचाई पहले लगभग एक सौ ग्यारह फुट थी, लेकिन कुछ समय पहले यह ऊँचाई 122 फुट तक बढ़ाई गई है।
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मंदिर के निर्माण कार्य को श्री श्री 1008 स्वामी कृष्णानंद परमहंस ने आरंभ किया था, लेकिन उनकी मृत्यु के बाद कार्य को पूरा करने की जिम्मेदारी प्रबंधन कमेटी ने ली थी।
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मंदिर में बहुत सारे देवी-देवताओं की मूर्तियाँ स्थापित हैं और एक स्फटिक मणि शिवलिंग भी है जिसकी कीमत सत्रह लाख रुपये है
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