फायर ब्रिगेड दल में शामिल यह बहादुर महिलाएँ

अग्नि शमन यानी फायर ब्रिगेड दल के फायर फाइटर्स बनना एक बहुत बड़ी चुनौती और जिम्मेदारी होती है। पहले इस क्षेत्र में सिर्फ पुरूषों को ही

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These brave women included in the fire brigade team

अग्नि शमन यानी फायर ब्रिगेड दल के फायर फाइटर्स बनना एक बहुत बड़ी चुनौती और जिम्मेदारी होती है। पहले इस क्षेत्र में सिर्फ पुरूषों को ही फायर फाइटर्स और फायर स्टेशन ऑफिसर के रूप में नियुक्त किया जाता था। लेकिन जैसे जैसे वक्त बदलता गया और दुनिया नें स्त्रियों की योग्यता और क्षमता को मान्यता मिलने लगी, तब जाकर, दुनिया भर के कई देशों में, स्त्रियों को भी अग्नि शमन दल के प्रोफेशनल और वालंटियर, सदस्य के रूप में नियुक्त किया जाने लगा। 1818 में अग्निशमन दल यूनाइटेड स्टेटस की पहली महिला फायर फाइटर बनी मौली विलियम्स।

उसके बाद धीरे धीरे, वक्त के साथ और भी देशों के फायर ब्रिगेड दल में स्त्री फायर फाइटर्स नियुक्त होने लगे, जैसे मरीना बेट्स लिली हिचकॉक, एमा वेर्नेल, सरिन्या सृस्कूल, तुलुम्बकी बहरिये, मेरी जॉय लंगडन, ऐनी बैरी, ब्रेंडा बेर्कमन, हीथर बर्नेस, डेनिस बाचेर, डौन मेनार्ड, अल्लिसों मीनाहन, एड्रिएन्ने क्लार्क, मेलानी गोएहर, क्रिस्टिन अपील, विकी हंटर, सैली फूटे, शमीना वेल्स, मिशेल यंग, निक्की लाफ़रटी, नेला बूथ चारमैने सेल्लिंग्स, रौन्ढा थोर्पे, कैटरिना मुलेट, एलिसन टाइम्स, रोज मेरी हिग्गिंस, तंजा ग्रन्वाल्ड, शाज़िया परवीन, तथा कई और साहसी महिलाएँ अग्नि शमन दल में कार्यरत रही।

सन् 2002 में हर्षिनी कन्हेकर भारत की पहली अग्नि शमन दल की फायर फाइटर बनी। सन् 2003 में प्रिया रविचन्द्रन भारत की पहली डिवीजनल फायर ऑफिसर महिला बनी जिन्हें देश में पहली बार, उनकी बहादुरी के लिए एना मेडल प्रदान किया गया। मीनाक्षी विजयकुमार भी भारत की एक बहादुर फायर फाइटर है जिन्होंने 400 अग्नि कांड की घटनाओं को सम्भाला और उन्हें 2013 में प्रेसिडेंट्स फायर सर्विस मेडल दिया गया। हाल ही में, मुंबई फायर ब्रिगेड की दो महिला असिस्टेंट स्टेशन ऑफिसर्स को, प्रोमोशन देकर स्टेशन ऑफिसर बना दिया गया।

These brave women included in the fire brigade team

मुंबई फायर ब्रिगेड के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ। इनके नाम है शुभांगी भोर (33 वर्ष) और सुनीता खोट (35 वर्ष)। यह दोनों महिलाए, मुम्बई फायर ब्रिगेड हेड कवाटर्स से जुड़े भायखला फायर स्टेशन में बतौर असिस्टेंट स्टेशन ऑफिसर दस साल से सेकंड इंचार्ज के तौर पर काम कर रही थी। अब उन्हें स्टेशन ऑफिसर का पद मिल गया है। पहले जहां वे आठ घंटे ड्यूटी करती थी, वहीं अब उन्हें 24 घण्टे हर एक इमर्जेंसी कॉल को अटेंड करना होगा। सुनीता को 2018 में क्रिसटल टावर अग्निकांड में कई लोगों को बचाने के लिए ब्रेवरी अवार्ड भी दिया गया था ।

These brave women included in the fire brigade team

मुंबई फायर ब्रिगेड में 127 महिलाएं पर्सनल भी है। चाहे कोई बिल्डिंग ढह जाए, या कहीं आग लगे या कोई इमर्जेंसी हो, इन महिला अफसरों को तुरंत हर आपदा को सँभालना होगा। महिला अग्नि शामक दल में भर्ती होने के लिए, महिलाओं को कम से कम 162 cm लम्बा, 50 केजी वजन के होना चाहिए, उनमें चार मिनट में 800 मीटर्स दौड़ने की शक्ति होनी चाहिए, पीठ पर 45 किलो वजन उठाकर भागने और 19 फीट ऊंचाई से छलांग लगाने की योग्यता भी होनी चाहिए।

सुलेना मजुमदार अरोरा