Travel भारत का एक छिपा हुआ आश्चर्य है लक्षद्वीप:- लक्षद्वीप, भारत का एक छिपा हुआ आश्चर्य है जो अपने प्राचीन सफेद रेतीले समुद्र तटों, जीवंत मूंगा चट्टानों और क्रिस्टल-स्पष्ट फिरोज़ी पानी के लिए जाना जाता है। यह वास्तव में एक स्वर्गीय द्वीपसमूह है जो एक ही बिंदु पर शांति, सुंदरता और उत्साह का प्रतीक है। यदि आप विश्राम चाहते हैं या प्रकृति के साथ घनिष्ठ संबंध चाहते हैं, तो शानदार लक्षद्वीप दोनों दुनिया के आश्चर्यों को देखने के लिए सबसे अच्छा स्थान है। (Travel)
लक्षद्वीप का संस्कृत में मतलब हजारों द्वीप है और यह भारत के दक्षिण-पश्चिम में हिंद महासागर में स्थित एक भारतीय द्वीप-समूह है। इसकी राजधानी कवरत्ती है। लक्षद्वीप द्वीप-समूह में कुल 36 द्वीप हैं, जो पूरे विश्व में अपनी खूबसूरती के लिए जाने जाते हैं।
लक्षद्वीप द्वीप-समूह की उत्पत्ति प्राचीनकाल में हुए ज्वालामुखीय विस्फोट से निकले लावा से हुई है। यह भारत की मुख्यभूमि से लगभग 300 कि.मी. दूर पश्चिम दिशा में अरब सागर में स्थित है। यह द्वीप कोच्ची से 396 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। (Travel)
लक्षद्वीप में द्वीपों में से केवल 7 द्वीपों पर जनजीवन है। देशी पयर्टकों को 6 द्वीपों पर जाने की अनुमति है जबकि विदेशी पयर्टकों को केवल 2 द्वीपों (अगाती व बंगाराम) पर जाने की अनुमति है।
लक्षद्वीप में खूबसूरत दृश्य, बीच, अलग अलग प्रकार के पेड़ पौधे और साधारण जीवन...
लक्षद्वीप में खूबसूरत दृश्य, बीच, अलग अलग प्रकार के पेड़ पौधे और साधारण जीवन देखने को मिलता है, जो प्रदूषण से बहुत दूर है। यहाँ मौजूद नारियल के पेड़, खाड़ी, सुनसान बीच और चट्टानें यहाँ पर पर्यटकों को आकर्षित करती हैं। यहाँ पर एडवेंचर करने के लिए लोग स्कूबा फिशिंग, डाइविंग और कयाकिंग भी करते हैं। (Travel)
लक्षद्वीप का तापमान 27 डिग्री से 32 डिग्री के बीच रहता है। इसका तापमान सुहावना होता है। लक्षद्वीप में सबसे गर्म महीने अप्रैल और मई हैं। मानसून में जहाज़ में पर्यटन बंद कर दिया जाता है। लक्षद्वीप जाने का सबसे उम्दा समय अक्टूबर से मार्च है। इस द्वीप पर कोच्ची से रोजाना हवाई जहाज़ जाता है। अगत्ती से कवरत्ती तक हेलीकॉप्टर चलता है। पर्यावरण से प्यार करने वाले लोग, शांति को पसंद करने वाले और फोटो खींचने के शौकीन लोगों को यहाँ ज़रूर जाना चाहिए। (Travel)
अक्टूबर से मई तक लक्षद्वीप में जाना बेहद सुहावना रहता है क्योंकि यहाँ पर साफ नीले समुद्र में सूरज की किरणों तले ठंडी ठंडी हवा का एहसास बेहद मज़ेदार होता है। हालाँकि यह द्वीप पूरे साल खुला रहता है लेकिन मानसून में इसे बंद किया जाता है और मानसून यहाँ पर मई से सितम्बर के बीच होता है।
मानसून का असर अगत्ती और बंगरम पर नहीं पड़ता और इन द्वीपों पर कोच्ची से आराम से जाया जा सकता है लेकिन मानसून में अगत्ती से बंगरम तक सिर्फ हेलिकाॅप्टर ही चलते हैं। मानसून की बारिश से लक्षद्वीप काफी हरा भरा लगता है और यह इसकी खूबसूरती को और भी निखार देता है। (Travel)
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