{{ primary_category.name }}
Read Full Story
कैलासा मंदिर महाराष्ट्र के एलोरा गुफाओं में स्थित है और यह भगवान शिव को समर्पित है। इसे एक ही पत्थर से तराशा गया है, जिससे यह अपनी अद्वितीय वास्तुकला के लिए प्रसिद्ध है।
Read Full Story
इस मंदिर का निर्माण 8वीं सदी में राष्ट्रकूट वंश के राजा कृष्ण प्रथम ने करवाया था। इसे बनाने में वर्षों का समय और हजारों कारीगरों की मेहनत लगी।
Read Full Story
कैलासा मंदिर का नाम भगवान शिव के निवास स्थान कैलास पर्वत पर रखा गया है। यह मंदिर हिंदू, बौद्ध, और जैन धर्मों के मिलन का प्रतीक है।
Read Full Story
मंदिर की ऊंचाई लगभग 98 फीट है और यह तीन मंजिलों में विभाजित है। इसमें कई देवी-देवताओं की मूर्तियाँ और पौराणिक कथाएँ चित्रित की गई हैं।
Read Full Story
मंदिर का मुख्य मण्डप भगवान शिव को समर्पित है, जहाँ नंदी बैल की विशाल प्रतिमा और शिवलिंग स्थापित है।
Read Full Story
मंदिर की दीवारों और छतों पर महाभारत और रामायण की कथाओं की बारीक नक्काशी की गई है, जो इसे कला का अद्भुत नमूना बनाती है।
Read Full Story
कैलासा मंदिर पहुँचने के लिए नजदीकी हवाई अड्डा औरंगाबाद है, जो लगभग 30 किलोमीटर दूर है। औरंगाबाद रेलवे स्टेशन से भी अच्छी सड़क संपर्क है।
Read Full Story
अक्टूबर से मार्च के बीच का समय कैलासा मंदिर घूमने के लिए सबसे अच्छा होता है, जब मौसम सुहावना रहता है और पर्यटकों की भीड़ कम होती है।
Read Full Story
कैलासा मंदिर धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है और इसे यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर स्थल के रूप में मान्यता प्राप्त है। यहाँ हर साल हजारों श्रद्धालु और पर्यटक आते हैं।
Read Full Story
यह स्थान इतिहास, कला और वास्तुकला प्रेमियों के लिए भी स्वर्ग है, जहाँ की बारीक नक्काशी और वास्तुशिल्पिक निर्माण पर्यटकों को मोहित करता है।
Read Full Story
{{ primary_category.name }}