लाहुल-स्पिति: हिमालय की गोद में बसा अनछुआ स्वर्ग

लाहुल-स्पिति

लाहुल-स्पिति, हिमाचल प्रदेश के सबसे उत्तरी भाग में स्थित एक अद्वितीय क्षेत्र है, जो अपने बर्फ से ढके पहाड़ों, ऊँचे दर्रों और सुंदर घाटियों के लिए प्रसिद्ध है।

लाहुल-स्पिति

लाहुल और स्पिति दो अलग-अलग घाटियाँ हैं, जिनमें अपने-अपने अद्वितीय आकर्षण हैं।

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की मोनैस्ट्री (की गोम्पा) स्पिति घाटी का सबसे प्रसिद्ध बौद्ध मठ है, जो समुद्र तल से लगभग 4,166 मीटर की ऊँचाई पर स्थित है।

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चंद्रताल झील, जिसे "चाँद की झील" भी कहा जाता है, लाहुल घाटी में स्थित है और अपने साफ और नीले पानी के लिए प्रसिद्ध है।

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ताबो मठ को "हिमालय का अजंता" कहा जाता है। यह मठ 10वीं सदी में स्थापित किया गया था और इसमें अनमोल चित्रकला और मूर्तिकला के नमूने मिलते हैं।

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कुंजुम दर्रा, जो लाहुल और स्पिति को जोड़ता है, समुद्र तल से 4,590 मीटर की ऊँचाई पर स्थित है और यहाँ से बर्फ से ढकी हिमालय की चोटियों का अद्भुत दृश्य देखा जा सकता है।

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लाहुल-स्पिति की यात्रा के लिए सबसे अच्छा समय जून से सितंबर के बीच होता है, जब मौसम सुहावना और रास्ते खुले होते हैं।

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यात्रा के दौरान स्वास्थ्य और सुरक्षा का ध्यान रखें, क्योंकि ऊँचाई पर ऑक्सीजन की कमी हो सकती है।

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लाहुल-स्पिति की समृद्ध और प्राचीन संस्कृति का सम्मान करें और यहाँ के लोगों की आस्थाओं और परंपराओं का सम्मान करें।

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यह क्षेत्र एक दूरस्थ स्थान है, इसलिए यात्रा करते समय पर्याप्त खाना, पानी, और चिकित्सा सुविधा साथ रखें।

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