ट्रैवल: भारत की विरासत का प्रतीक कोणार्क सूर्य मंदिर

13वीं शताब्दी में हुआ था निर्माण

मंदिर का निर्माण 13वीं शताब्दी में हुआ था और इसे राजा नरसिंह देव प्रथम ने बनवाया था।

सूर्य का कोना

कोणार्क सूर्य मंदिर को 'सूर्य का कोना' भी कहा जाता है।

मंदिर का मुख्य द्वार

मंदिर का मुख्य द्वार पूर्व की ओर है और इसे यूनेस्को ने हैरिटेज साइट के रूप में स्वीकार किया है।

वास्तु शिल्प का एक अनोखा नमूना

इस मंदिर का निर्माण वास्तु शिल्प का एक अनोखा नमूना है।

अत्यंत कलात्मक मूर्तियां

मंदिर के रथ के पहियों, खम्बों और दीवारों पर अत्यंत कलात्मक मूर्तियां हैं।

चन्द्रभागा नदी के तट पर है

कोणार्क सूर्य मंदिर चन्द्रभागा नदी के तट पर बना है।

पुरी से 35 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है

यह मंदिर पुरी से 35 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है और भुवनेश्वर से लगभग 60 किलोमीटर की दूरी पर है।