बलिदान का मंत्र: हिमालय का वीर वानर

Jul 21, 2025, 11:13 AM

बलिदान का मंत्र

हिमालय की ऊँची पहाड़ियों में एक अनोखा वृक्ष था, जहाँ वानरों का समूह रहता था। बजरंगी नामक वानर अपने बल और बुद्धि के लिए प्रसिद्ध था और सभी का नेता था।

बलिदान का मंत्र

बजरंगी ने अपने साथियों को सावधान किया था कि नदी के ऊपर वाली टहनियों पर कोई फल न छोड़ें, ताकि इंसानों तक न पहुँचे और मुसीबत खड़ी न हो।

बलिदान का मंत्र

एक दिन, तेज हवा के कारण एक पका फल नदी में गिर गया और राजा रणवीर तक पहुँच गया। राजा ने फल की सुगंध और स्वाद को पसंद किया और वृक्ष का पता लगाने का आदेश दिया।

बलिदान का मंत्र

राजा के सिपाही वृक्ष पर पहुँचे और वानरों को भगाने की कोशिश की, जिससे वानरों पर संकट आ गया।

बलिदान का मंत्र

बजरंगी ने अपने साथियों को बचाने के लिए खुद को पुल की तरह फैलाकर वानरों को सुरक्षित निकालने में मदद की, लेकिन इस प्रक्रिया में उसका शरीर बुरी तरह से घायल हो गया।

बलिदान का मंत्र

राजा रणवीर ने बजरंगी की वीरता देखी और उसे महल में लाकर चिकित्सा का प्रबंध किया। बजरंगी ने अपनी अंतिम सांसों में अपने साथियों को सुरक्षित रहने का संदेश दिया।

बलिदान का मंत्र

राजा ने बजरंगी की वीरता को सलाम किया और उसकी याद में एक स्मारक बनवाया। वानरों ने भी अपने नेता को श्रद्धांजलि दी।

बलिदान का मंत्र

इस घटना के बाद, राजा ने वृक्ष को संरक्षित करने और वानरों को परेशान न करने का आदेश दिया। वानरों ने एक नया नेता चुना, जो बजरंगी के दिखाए रास्ते पर चलने का संकल्प लिया।

बलिदान का मंत्र

कहानी बलिदान, साहस और प्रकृति के प्रति सम्मान का संदेश देती है, जिसमें दूसरों की भलाई के लिए अपने हितों को त्यागने का महत्व बताया गया है।

बलिदान का मंत्र

यह कहानी जीवन का सबक देती है कि सावधानी और समझदारी से खतरे से बचा जा सकता है, और वीरता हमेशा याद रखी जाती है।