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गर्मियों की एक दोपहर, गाँव के मेले में एक गुब्बारे वाला रंग-बिरंगे गुब्बारे बेच रहा था, जहाँ छोटे बच्चे आकर गुब्बारे खरीद रहे थे और आनंद ले रहे थे।
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मोनू नाम का एक शरारती और चतुर बच्चा मेले में आया और गुब्बारे वाले को देखकर एक मजेदार तरकीब सोचने लगा।
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मोनू ने गुब्बारे वाले से पूछा कि एक गुब्बारा कितने का है, और फिर शरारत भरे अंदाज़ में उसे परेशान करने के लिए कई सवाल पूछे।
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मोनू ने गुब्बारे वाले से पूछा कि अगर वह एक गुब्बारा हवा में छोड़ दे, तो क्या बाकी गुब्बारे भी उड़ जाएंगे, जिस पर गुब्बारे वाले ने हंसते हुए जवाब दिया।
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मोनू ने चालाकी से पूछा कि अगर वह रस्सी खोल दे, तो क्या होगा, जिससे गुब्बारे वाला सतर्क हो गया और आसपास के लोग हंसने लगे।
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मोनू ने एक रुपये में गुब्बारा खरीदने की कोशिश की और फिर गुब्बारे वाले से मजाक में "फ्री की हवा" वाला गुब्बारा मांगा, जिससे गुब्बारे वाला हंस पड़ा।
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मोनू की चतुराई से प्रभावित होकर, गुब्बारे वाले ने उसे एक गुब्बारा मुफ्त में दे दिया।
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कहानी से यह सीख मिलती है कि चतुराई और मजाक से भी कई चीजें हासिल की जा सकती हैं, और शरारती लेकिन समझदार बच्चे हर किसी का दिल जीत लेते हैं।
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हंसमुख स्वभाव और मजाक से हम किसी को भी खुश कर सकते हैं।
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