भाई दूज की कहानी: प्यार, सुरक्षा और वादा

Oct 07, 2025, 11:48 AM

भाई दूज की कहानी

दिवाली का त्योहार खत्म होने के बाद भी घर में मिठाइयों की खुशबू और दीयों की चमक बनी हुई थी। प्रिया ने अपने छोटे भाई राहुल के लिए एक सुंदर उपहार खरीदा था, जबकि राहुल ने अपनी बहन के लिए एक प्यारा हाथ से बना कार्ड दिया।

भाई दूज की कहानी

भाई दूज के दिन प्रिया ने सुबह-सुबह उठकर पूजा की तैयारी की। उसने पूजा की थाली में चावल, सिंदूर, एक दीया और राहुल की पसंदीदा मिठाई रखी।

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राहुल ने अपनी बहन से पूछा कि वह इतनी तैयारी क्यों कर रही है, जिस पर प्रिया ने बताया कि भाई दूज भाई-बहन के रिश्ते का सबसे बड़ा त्योहार है, जो उनके बीच के प्यार का प्रतीक है।

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प्रिया ने पूजा के दौरान राहुल के माथे पर तिलक लगाया और उसकी कलाई पर कलावा बांधा, जिससे उसने राहुल के लिए हमेशा खुश और सुरक्षित रहने की प्रार्थना की।

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राहुल को इस रस्म का असली महत्व समझ में आया कि यह सिर्फ़ एक रस्म नहीं, बल्कि एक-दूसरे के प्रति प्यार और सुरक्षा का एहसास है।

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राहुल ने प्रिया से वादा किया कि वह अपनी बहन के साथ-साथ दुनिया की हर बहन का सम्मान करेगा और उनकी सुरक्षा के लिए हमेशा खड़ा रहेगा।

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प्रिया ने गर्व से राहुल को मिठाई खिलाई और राहुल ने प्रिया के पैर छूकर आशीर्वाद लिया, जिससे उनके बीच का प्यार और विश्वास और मजबूत हुआ।

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इस कहानी से यह नैतिक सीख मिलती है कि भाई-बहन का रिश्ता विशेष होता है

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और हमें एक-दूसरे का सम्मान और मदद करनी चाहिए। भाई दूज का त्योहार प्यार और वादे का प्रतीक है।