भोली का उपहार एक बाल कहानी

Jun 04, 2025, 12:21 PM

भोली का उपहार

एक सुबह प्रदीप अपने घर से टहलने निकला और उसे दो छोटे कुत्ते के पिल्ले मिले, जो हाल ही में गली की कुतिया भोली के चार बच्चों में से थे।

भोली का उपहार

पड़ोस की एक लड़की ने भोली और उसके नवजात बच्चों के लिए एक गत्ते का डिब्बा और कंबल रखा ताकि वे ठंड से बच सकें।

भोली का उपहार

प्रदीप ने पिल्लों को बिस्कुट खिलाया, जिसे देखकर भोली भी आगे आई, लेकिन उसके लिए कुछ नहीं बचा था। प्रदीप की मां ने भोली को ब्रेड दी।

भोली का उपहार

प्रदीप की साइकिल बिना ताले के बाहर खड़ी थी, जिसे एक लड़के ने चुराने की कोशिश की।

भोली का उपहार

प्रदीप ने चोर का पीछा किया और चिल्लाना शुरू किया, जिससे भोली ने स्थिति को भांप लिया और चोर के पीछे दौड़ी।

भोली का उपहार

भोली ने चोर की पैंट पकड़कर उसे गिरा दिया, जिससे चोर पकड़ा गया। आसपास के लोग भी मदद के लिए आ गए।

भोली का उपहार

प्रदीप ने भोली के साहस की प्रशंसा की, हालांकि भोली को चोट लगी थी, लेकिन उसके चेहरे पर डर नहीं था।

भोली का उपहार

प्रदीप को लगा कि भोली ने उसकी और उसके बच्चों की मदद का बदला चुका दिया है।

भोली का उपहार

प्रदीप की साइकिल, जो उसके जन्मदिन पर पिता ने दी थी, अब भोली का उपहार बन गई थी।