बुलबुल और अमरूद का पेड़ – सबक सीखने की अनोखी दोस्ती

Nov 15, 2025, 12:29 PM

बुलबुल और अमरूद का पेड़

यह कहानी एक भूखी बुलबुल और अमरूद के पेड़ की दोस्ती पर आधारित है, जिसमें बुलबुल पहले फलों को बर्बाद करती थी, लेकिन पेड़ की सलाह से उसने केवल पके फल खाने का निर्णय लिया।

बुलबुल और अमरूद का पेड़

बुलबुल की फलों को बर्बाद करने की आदत से पेड़ दुखी था, और उसने बुलबुल को समझाया कि अगर वह केवल पके फल खाए, तो पेड़ को भी कम दर्द होगा और बुलबुल को भी आसानी होगी।

बुलबुल और अमरूद का पेड़

पेड़ की सलाह मानकर बुलबुल ने अपनी आदत बदली और अब वह केवल पके हुए अमरूद ही खाती थी, जिससे पेड़ को भी फायदा हुआ और जंगल भी हरा-भरा रहने लगा।

बुलबुल और अमरूद का पेड़

एक दिन एक शरारती लड़का जंगल में आया और पेड़ पर छड़ी से वार करके फलों को बर्बाद कर गया, जिससे पेड़ दुखी हो गया।

बुलबुल और अमरूद का पेड़

बुलबुल ने यह निश्चय किया कि वह और पक्षियों को भी सिखाएगी कि फलों को बर्बाद न करें और केवल पके हुए फल ही खाएं।

बुलबुल और अमरूद का पेड़

धीरे-धीरे बुलबुल की कोशिशों से जंगल में बदलाव आया और अन्य पक्षियों ने भी फलों को बर्बाद करना बंद कर दिया।

बुलबुल और अमरूद का पेड़

कई सालों बाद वही शरारती लड़का डॉक्टर बनकर जंगल लौटा और उसने पेड़ों की बर्बादी पर पछतावा किया तथा गांव वालों को पेड़ों की रक्षा करने की शिक्षा दी।

बुलबुल और अमरूद का पेड़

इस कहानी से यह सीख मिलती है कि जीवन में बर्बादी नहीं करनी चाहिए,

बुलबुल और अमरूद का पेड़

चाहे वह फल हो या समय। छोटी-छोटी कोशिशें बड़े बदलाव ला सकती हैं और प्रकृति की रक्षा करना आवश्यक है।