बाल कथा- निष्कपट हाथी

Jun 18, 2025, 11:35 AM

निष्कपट हाथी

वाराणसी में ब्रह्मदत्ता के शासनकाल में एक लकड़हारा और हाथी की कहानी है, जिसमें लकड़हारा ने एक घायल हाथी की मदद की थी।

निष्कपट हाथी

लकड़हारा द्वारा कांटा निकालने और मरहम लगाने के बाद हाथी ने आभार जताया और लकड़हारा की मदद करने का वादा किया।

निष्कपट हाथी

वर्षों तक हाथी ने लकड़हारा के काम में मदद की। एक दिन हाथी ने अपने बेटे को लकड़हारे के पास छोड़ दिया ताकि वह उनकी मदद कर सके।

निष्कपट हाथी

छोटे हाथी ने लकड़हारा के परिवार के साथ घुलमिलकर काम किया और उनकी सहायता की, जिससे वह परिवार का हिस्सा बन गया।

निष्कपट हाथी

जब छोटे हाथी बारिश के पानी में बह गए, तो राजा को इस घटना की जानकारी दी गई। राजा ने लकड़हारा के परिवार की ईमानदारी और हाथी की सच्चाई देखकर उनकी मदद करने का निर्णय लिया।

निष्कपट हाथी

राजा ने हाथी को अपने परिवार का हिस्सा माना और उसकी ईमानदारी की सराहना की। हाथी ने राजा के साथ रहकर उनकी मदद की।

निष्कपट हाथी

राजा की मृत्यु के बाद, हाथी ने राजा के बेटे की जिम्मेदारी संभाली और राज्य की रक्षा की।

निष्कपट हाथी

हाथी की निःस्वार्थ सेवा और कृतज्ञता ने उसे सबका प्रिय बना दिया, और उसने राज्य की जीत में अहम भूमिका निभाई।

निष्कपट हाथी

कहानी निःस्वार्थ सेवा, कृतज्ञता, नेतृत्व, दृढ़ता और साहस की महत्वपूर्ण सीख देती है और बताती है कि कैसे त्याग और समर्पण से दुनिया को बेहतर बनाया जा सकता है।