Read Full Story
कहानी एक चतुर चूहा चिंटू की है, जो एक कसाई के घर के पास जंगल में रहता है। एक दिन उसने देखा कि कसाई चूहादानी ला रहा है, जिससे वह चिंतित हो गया।
Read Full Story
चिंटू ने अपने दोस्तों कबूतर पंखुरी, मुर्गा कोको, और बकरा गोपाल को चूहादानी के खतरे से आगाह किया, लेकिन किसी ने उसकी बात गंभीरता से नहीं ली।
Read Full Story
चिंटू की चेतावनी नजरअंदाज करने पर, एक जहरीला साँप चूहादानी में फँस गया और कसाई की पत्नी को काट लिया, जिससे उसकी हालत खराब हो गई।
Read Full Story
पत्नी की बीमारी के इलाज के लिए हकीम ने कबूतर का सूप बनाने की सलाह दी, जिसके कारण पंखुरी कबूतर की बलि दी गई।
Read Full Story
रिश्तेदारों के आने पर, मेहमानों के लिए भोजन में कोको मुर्गे को भी काटा गया, और पत्नी के स्वस्थ होने पर गोपाल बकरे की बलि चढ़ा दी गई।
Read Full Story
चिंटू ने अपनी बात न मानने की वजह से हुई इन घटनाओं को देखा और समझा कि एक की समस्या सबके लिए समस्या बन सकती है।
Read Full Story
चिंटू ने एक दिन एक बूढ़े उल्लू से मुलाकात की, जिसने उसे समझाया कि समाज का हर हिस्सा एक-दूसरे से जुड़ा होता है और सभी को मिलकर समस्याओं का समाधान करना चाहिए।
Read Full Story
कहानी से यह सीख मिलती है कि किसी की समस्या को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए
Read Full Story
और सामूहिक जिम्मेदारी और एकता से ही समस्याएँ हल की जा सकती हैं।
Read Full Story