Read Full Story
रतन और रोज़ी, जो भाई-बहन थे, अपनी विधवा मां के साथ गांव में रहते थे और पास के गांव में लगे मेले को देखने की इच्छा रखते थे।
Read Full Story
मां के पास पैसे न होने के बावजूद, दोनों ने अपनी मां से मेले में जाने की अनुमति मांगी और मां ने उन्हें शाम तक लौट आने की शर्त पर इजाजत दे दी।
Read Full Story
मेले में पहुंचकर, रतन और रोज़ी ने झूले, जादू के खेल, और खिलौनों का आनंद लिया। रोज़ी ने खिलौना खरीदा और रतन ने बांसुरी।
Read Full Story
शाम होने पर घर लौटते समय, वे रास्ता भटककर जंगल में पहुंच गए। रतन ने पेड़ पर चढ़कर रोशनी देखी और दोनों उस दिशा में चल दिए।
Read Full Story
जंगल में उन्हें एक झोपड़ी मिली, जहां एक बूढ़ा और बुढ़िया रहते थे। बुढ़िया, जो दुष्ट थी, ने उन्हें बंधक बनाने की धमकी दी।
Read Full Story
बूढ़ा, जो दयालु था, ने दोनों को रात रुकने दिया और सुबह गांव का रास्ता दिखाने का वादा किया।
Read Full Story
सुबह होते ही, बूढ़े ने बच्चों को सुरक्षित गांव का रास्ता दिखाया और बुढ़िया को गलत दिशा में भेज दिया।
Read Full Story
रतन और रोज़ी ने बूढ़े का धन्यवाद किया और तेजी से गांव की ओर चल दिए।
Read Full Story
बुढ़िया जब तक बच्चों को खोज पाती, वे बहुत दूर निकल चुके थे।
Read Full Story