Read Full Story
नीति की कहानी में एक अद्वितीय समस्या है, जिसे 'दोहरी दृष्टि' कहा गया है। यह समस्या कभी-कभी होती है और फिर से सामान्य हो जाती है।
Read Full Story
एक दिन, जब नीति सड़क पर थी, अचानक उसे हर व्यक्ति की दो परछाइयाँ दिखाई देने लगीं, जिससे उसे अजीब और अलग महसूस हुआ।
Read Full Story
नीति ने भीड़ से बचने के लिए रास्ता बदल लिया, लेकिन फिर भी लोगों से टकराती रही। इससे उसे असहजता महसूस हुई।
Read Full Story
श्रेया, जो नीति की कक्षा में थी और उसे पसंद नहीं करती थी, उसे भी नीति की दोहरी दृष्टि में दो रूपों में दिखाई दी।
Read Full Story
जब श्रेया के कंधे पर एक मकड़ी चढ़ने लगी, तो नीति ने उसे हटाया, हालांकि श्रेया ने उसे गलत समझा।
Read Full Story
घर पहुंचकर, नीति को अपनी माँ की भी दो परछाइयाँ दिखाई दीं, लेकिन उसने सही माँ को पहचानकर गले लगाया।
Read Full Story
माँ ने नीति से पूछा कि वह हैरान क्यों है, और नीति ने अपनी माँ के सामने सामान्य दिखने की कोशिश की।
Read Full Story
अंततः, जब नीति सोकर उठी, तो उसने देखा कि उसकी माँ का एक ही रूप था, जिससे उसे राहत मिली।
Read Full Story
यह कहानी नीति की एक अजीब लेकिन दिलचस्प अनुभव को दर्शाती है, जो डर और उलझन के बीच संतुलन बनाने की कोशिश करती है।
Read Full Story