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यह कहानी एक बेईमान आदमी और एक भोले-भाले किसान के बीच की है, जहां बेईमान ने पहले किसान को लूट लिया था और अब वो फिर मिले।
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बेईमान व्यक्ति ने किसान को एक खेल खेलने का प्रस्ताव दिया, जिसमें वे एक-दूसरे को अविश्वसनीय कहानियाँ सुनाएंगे और जो कोई कहेगा कि यह असम्भव है, वह 100 रुपये हारेगा।
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बेईमान ने अपनी कहानी में कहा कि उसने एक समय में 100 ऊँटों को एक बड़े गिद्ध द्वारा उड़ते देखा, लेकिन किसान ने इसे असम्भव नहीं माना।
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किसान ने बेईमान की कहानी को सच मानते हुए कहा कि हजारों ऊँट आँख में गिर सकते हैं, और बेईमान ने अपनी कहानी समाप्त की।
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अब किसान ने अपनी कहानी शुरू की जिसमें उसने बताया कि उसके पिता के पास बहुत सी संपत्ति थी और एक घोड़ी की कमर में घाव से गेहूं की फसल उग गई।
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किसान ने कहानी में बताया कि बेईमान का पिता भूखा मर रहा था और उसके पिता से बीस कट्टे गेहूं उधार लिया था।
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बेईमान कहानी सुनकर असमंजस में पड़ गया, क्योंकि उसे या तो कहानी को झूठ मानना था और पैसे देना था या इसे सच मानकर गेहूं के कट्टे देने थे।
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अंत में, बेईमान ने किसान की कहानी को सच मान लिया और उसे बीस कट्टे गेहूं देने का वादा किया, इस प्रकार किसान ने शर्त जीत ली।
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यह कहानी एक मनोरंजक तरीके से विश्वास और चालाकी की बात करती है, जहां अंत में सच्चाई की जीत होती है।
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कहानी का उद्देश्य सरल और मनोरंजक तरीके से पाठकों को हंसाना और एक नैतिक संदेश देना है।
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