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शनिवार की सुबह बच्चों का स्कूल होता है, और सुभाष, मफत, और किरण जल्दी उठकर स्कूल की तैयारी कर रहे थे। इस बीच, दादाजी की बाहर जाने की तैयारी ने बच्चों की उत्सुकता बढ़ा दी।
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दादाजी के कुरते और चश्मे की सफाई और उनकी बातचीत ने बच्चों को उनके इरादों के बारे में सोचने पर मजबूर कर दिया। सुभाष और मफत ने दादाजी की गतिविधियों पर ध्यान दिया।
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दादाजी और पिताजी किसी डेंटिस्ट के पास गए थे, और दादाजी ने डॉक्टर की सलाह पर चॉकलेट और कुछ दवाइयाँ लाने का फैसला किया था। बच्चों के लिए यह एक रहस्य बन गया।
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सुभाष, मफत और किरण ने चॉकलेट खोजने का मिशन शुरू किया। उन्होंने घर के विभिन्न हिस्सों की तलाशी ली, लेकिन चॉकलेट नहीं मिली।
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अंततः मफत ने डैडी की किताबों वाली अलमारी में चॉकलेट ढूंढ निकाली। बच्चों ने चॉकलेट का आनंद लिया और दादाजी की बुद्धि की प्रशंसा की।
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शाम तक बच्चों की तबियत खराब हो गई, वे बार-बार टॉयलेट जाने लगे। दादाजी ने उनकी स्थिति पर ध्यान दिया और पिताजी को बताया।
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पिताजी ने बच्चों से पूछताछ की और पता चला कि वे चॉकलेट जुलाब की थीं, जो पेट साफ करने के लिए लाई गई थीं।
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चोरी की चॉकलेट खाने के कारण बच्चों का जेब खर्च एक सप्ताह के लिए बंद कर दिया गया।
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दादाजी ने अंत में चॉकलेट निकालकर दांतों की कसरत की।
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