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टिंकू की मम्मी अपनी बहन से मिलने करोल बाग गई हुई थीं, जिससे घर टिंकू के कब्जे में पांच घंटे के लिए आ गया था। इस दौरान टिंकू ने अपने दोस्तों के साथ एक गुप्त मीटिंग रखी।
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मीटिंग का विषय था कि मम्मियों के बढ़ते अत्याचारों का सामना कैसे किया जाए। बबली ने मीटिंग की शुरुआत करते हुए मम्मियों के खिलाफ ठोस कदम उठाने की बात कही।
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टिंकू ने बताया कि पिछले महीने उसकी मम्मी ने उसे 103 बार बाजार भेजा और 34 बार पिटाई की। यह सुनकर सभी बच्चों की आंखों में आंसू आ गए।
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मुन्नू ने सुझाव दिया कि अगर मम्मियां छड़ी का प्रयोग करेंगी, तो बच्चे हड़ताल कर देंगे, क्योंकि यह अधिकार केवल स्कूल के अध्यापकों को है।
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बबली ने बच्चों की यूनियन बनाने की बात उठाई, ताकि वे मम्मियों के खिलाफ संगठित होकर खड़े हो सकें।
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यूनियन का नाम "एण्टी मम्मी यूनियन" रखा गया और झंडे का रंग सफेद तय किया गया, जो शांति का प्रतीक है।
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पप्पू ने सुझाव दिया कि सफेद रंग के चारों ओर की जगह मम्मियों के खिलाफ भयानक कदम उठाने की चेतावनी देगी, यदि वे बेंत का प्रयोग करेंगी।
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मीटिंग के दौरान एक चूहा कमरे में आ गया, जिससे सभी बच्चे डर गए और भागने लगे। इस अफरातफरी में मम्मियां मौके पर पहुंच गईं।
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अंततः बच्चों की यूनियन का जन्म लेने से पहले ही दम घुट गया, क्योंकि सभी बच्चे अपनी-अपनी मम्मी के पास वापस चले गए।
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