Fun Story: धूर्त वैद्य

Jun 02, 2025, 01:16 PM

धूर्त वैद्य

एक राजा था जिसकी प्रजा तो सुखी थी, लेकिन वह खुद चेहरे और पैरों पर सफेद निशानों के कारण दुखी था। कई वैद्यों से इलाज करवाने पर भी कोई फायदा नहीं हुआ।

धूर्त वैद्य

एक दिन एक वैद्य राजा के पास आया और कहा कि वह इस रोग को ठीक कर देगा, लेकिन इसे ठीक करने में पंद्रह दिन और एक हज़ार रुपए लगेंगे। राजा ने तुरंत उसे पैसे दे दिए।

धूर्त वैद्य

राजा ने रात में सोचा कि अगर यह बीमारी किसी गरीब को हो जाए तो वह इतना महंगा इलाज कैसे करवा पाएगा।

धूर्त वैद्य

उसी रात एक गरीब आदमी फटा पुराना कम्बल ओढ़े वैद्य के पास आया और कहा कि उसे भी राजा जैसी बीमारी है, लेकिन वह पैसे नहीं दे सकता।

धूर्त वैद्य

वैद्य ने गरीब को बताया कि वह मूली के पत्ते खाकर और निशानों पर रगड़कर पंद्रह दिन में ठीक हो जाएगा।

धूर्त वैद्य

पंद्रह दिन बाद राजा ने पाया कि वह पूरी तरह से स्वस्थ हो गया है और उसके शरीर पर सफेद निशान नहीं हैं।

धूर्त वैद्य

राजा ने वैद्य को बताया कि वह ही गरीब के वेश में उसके पास गया था और मूली के पत्तों से ठीक हो गया।

धूर्त वैद्य

वैद्य ने कहा कि वह गरीबों का मुफ्त इलाज करता है, लेकिन उसे भी अपने घर का खर्च चलाने के लिए पैसे चाहिए होते हैं।

धूर्त वैद्य

राजा ने वैद्य के इस तर्क को समझा और उसे माफ कर दिया।