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यह कहानी ढोलू नाम के गधे और उसकी दोस्त चंचल लोमड़ी की है, जो एक रात फलों के खेत में मस्ती करने जाते हैं।
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ढोलू, जो एक धोबी का गधा है, शाम को खेतों में घास चरने जाता है और वहां उसकी मुलाकात चालाक लोमड़ी चंचल से होती है।
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चंचल ने ढोलू को फलों के खेत में जाने का सुझाव दिया, जिसे ढोलू ने खुशी-खुशी स्वीकार कर लिया।
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फलों का आनंद लेने के बाद, ढोलू का मन गाना गाने का करता है, लेकिन चंचल उसे सावधान करती है कि ऐसा करना खतरनाक हो सकता है।
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ढोलू चंचल की सलाह को अनदेखा करके गाना गाने लगता है, जिससे किसानों की नींद खुल जाती है और वे उसे डांटते हैं।
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किसानों की डांट के बाद ढोलू को अपनी गलती का एहसास होता है और वह समझ जाता है कि हर काम का सही समय और स्थान होता है।
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चंचल ने ढोलू का मजाक उड़ाते हुए उसे 'पुरस्कार' मिलने की बात कही, जिससे दोनों हँसते हैं।
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इस घटना के बाद, ढोलू और चंचल ने तय किया कि वे चुपचाप घास चरेंगे और गाना-बजाना छोड़ देंगे।
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कहानी का मुख्य संदेश है कि दूसरों की सलाह को सुनना और समझदारी से फैसले लेना जरूरी है ताकि हम मुसीबत से बच सकें।
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यह कहानी बच्चों को सिखाती है कि सही समय और स्थान का महत्व समझना, और दूसरों की सलाह को मानना हमें मुसीबतों से बचा सकता है।
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