Read Full Story
विजय नगर के राजा कृष्णदेव राय कला प्रेमी थे और उनके दरबार में अक्सर कलाकार, संगीतकार और जादूगर आते रहते थे। राजा कलाकारों को अच्छे इनाम देने के लिए प्रसिद्ध थे।
Read Full Story
एक बार एक जादूगर दरबार में आया और उसने अपने जादू से पत्थरों को सोने के सिक्कों में बदल दिया और अपने सहायक को दो हिस्सों में काट कर फिर जोड़ दिया।
Read Full Story
जादूगर ने चुनौती दी कि कोई उसके जादू का मुकाबला कर सकता है। तेनाली राम ने इस चुनौती को स्वीकार किया और कहा कि वह आंखें बंद करके जादू दिखाएंगे।
Read Full Story
तेनाली राम ने अपने नौकर को लाल मिर्च लाने का निर्देश दिया और मिर्च को अपनी बंद आंखों पर डाल लिया।
Read Full Story
तेनाली राम ने जादूगर को चुनौती दी कि वह आंखें खोलकर वही काम करे।
Read Full Story
जादूगर ने यह मान लिया कि आंखें खोलकर ऐसा करना असंभव है।
Read Full Story
जादूगर ने अपनी हार मान ली और तेनाली राम ने उसे सिर काटने की शर्त से मुक्त कर दिया।
Read Full Story
तेनाली राम ने जादूगर से वचन लिया कि वह आगे से डींगें नहीं मारेगा।
Read Full Story
जादूगर ने अपनी गलती स्वीकार की और दरबार से बाहर चला गया।
Read Full Story