हिंदी नैतिक कहानी: एक असाधारण पिता

Jun 04, 2025, 12:56 PM

एक असाधारण पिता

विष्णु कॉलेज में पढ़ता था और पढ़ाई में रूचि रखने वाला अपने समूह का एकमात्र सदस्य था, जबकि उसके दोस्त अन्य गतिविधियों में व्यस्त रहते थे।

एक असाधारण पिता

विष्णु के पिता रेलवे में गार्ड थे और विष्णु को कभी-कभी उनके साधारण पेशे के कारण हीन भावना होती थी।

एक असाधारण पिता

दुर्भाग्यवश, विष्णु के पिता का हार्ट अटैक के कारण निधन हो गया, और विष्णु को उनके अंतिम संस्कार की सारी जिम्मेदारियों को निभाना पड़ा।

एक असाधारण पिता

जब विष्णु अस्थि विसर्जन के बाद घर लौट रहा था, एक रिक्शेवाले से उसे पता चला कि उसके पिता रिक्शे वालों के बीच बहुत सम्मानित थे।

एक असाधारण पिता

रिक्शेवाले ने बताया कि विष्णु के पिता हमेशा रिक्शे वालों को टॉफी और खाने का सामान देते थे

एक असाधारण पिता

और एक बार एक ठंडी रात में उसने एक रिक्शेवाले को अपना स्वेटर दे दिया था।

एक असाधारण पिता

यह जानकर विष्णु को अपने पिता की महानता का अहसास हुआ और वह खुद को भाग्यशाली समझने लगा।

एक असाधारण पिता

विष्णु ने महसूस किया कि उसके पिता असाधारण व्यक्ति थे और यह जानकर वह अपने आंसू नहीं रोक सका।

एक असाधारण पिता

कहानी से यह सीख मिलती है कि किसी की सादगी और उदारता ही उसे असाधारण बनाती है, न कि उसका पेशा।