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एक गांव में एक किसान के पास दो बैल और दो कुत्ते थे। उसे गांव से बाहर जाना था, लेकिन खेत जोतने का समय भी आ गया था।
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किसान ने बैलों और कुत्तों से कहा कि उसके लौटने तक खेत जोतकर रखें। बैलों ने मेहनत से काम किया, जबकि कुत्ते आवारागर्दी में लगे रहे।
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लौटकर किसान ने देखा कि खेत जुत चुके हैं और कुत्ते मेंड़ पर बैठे हैं। कुत्तों ने झूठा दावा किया कि उन्होंने खेत जोते हैं।
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किसान ने कुत्तों के पैरों के निशान देखकर उन्हें श्रेय दिया और बैलों को डांट लगाई, जबकि कुत्तों को इनाम मिला।
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बाद में कुत्तों को अपने झूठ का पता चला जब पड़ोसी किसान ने उनकी मदद मांगी।
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उन्होंने अपनी गलती स्वीकार की।
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किसान ने कुत्तों को उनकी गलती के लिए सजा दी और बैलों को अच्छा चारा देना शुरू किया।
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कहानी सिखाती है कि सच्चाई को छुपाना मुश्किल है और अंत में सच्चाई की ही जीत होती है।
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यह कहानी बच्चों को नैतिक शिक्षा देती है कि ईमानदारी और मेहनत का कोई विकल्प नहीं होता।
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