हिंदी नैतिक कहानी: शरारत का फल

Apr 08, 2025, 01:05 PM

Hindi Moral Story Fruit of mischief

निलेश एक शरारती लड़का था जिसे जानवरों को परेशान करने में मजा आता था। वह हमेशा अपने पास एक गुलेल रखता था और जानवरों को मारने के लिए इसका इस्तेमाल करता था।

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एक बार दीपावली के दिन निलेश ने एक पिल्ले की पूंछ में पटाखे बांध दिए, जिससे पिल्ला डरकर इधर-उधर भागने लगा। उसके माता-पिता ने उसे डांटा, लेकिन निलेश पर इसका कोई असर नहीं हुआ।

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छुट्टियों में निलेश अपने गांव गया, जहां उसके दादा-दादी रहते थे। गांव का शांत और हरियाली से भरा वातावरण उसे पसंद आया और वह दादाजी के साथ खेतों में जाता।

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एक दिन दादाजी ने निलेश से बगीचे से आम तोड़ने को कहा। आम तोड़ते समय निलेश ने एक बंदर को देखा और उसे पत्थर से मारने की सोची।

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बंदर पर पत्थर लगते ही वह निलेश पर टूट पड़ा और उसे नोच दिया। निलेश की चीख सुनकर दादा-दादी और अन्य लोग वहां पहुंचे।

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निलेश को अस्पताल ले जाया गया जहां डॉक्टर ने कहा कि उसे रेबीज के इंजेक्शन लगने पड़ेंगे। यह सुनकर निलेश रोने लगा।

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निलेश को अपनी गलती का एहसास हुआ और उसने प्रण किया

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कि वह अब कभी किसी जानवर को नहीं मारेगा और न ही परेशान करेगा।

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इस घटना ने निलेश को एक महत्वपूर्ण सबक सिखाया कि शरारत का फल हमेशा दर्दनाक होता है।